Mowgli of Spain: बचपन में सबने ही मोगली कार्टून देखा होगा लेकिन क्या आपको मालूम है, एक इंसान ऐसा भी है, जो असल जिंदगी में मोगली था. दरअसल, स्पेन में एक शख्स ने 12 साल तक गुफाओं में भेड़ियों के बीच जिंदगी गुजारी. वह लोगों के बीच 'स्पेन के मोगली' के तौर पर फेमस हो गया. हालांकि, भेड़ियों के बीच जिंदगी गुजारने वाले इस शख्स का कहना है कि अब वह अपनी इंसानी जिंदगी से बहुत निराश है.
डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों को जब स्पेन का मोगली मिला तो उसे सार्वजनिक जीवन में लाया गया. लेकिन अब उसका कहना है कि वह अपनी इस जिंदगी से खुश नहीं है. वह लोगों के व्यवहार से परेशान है. उसकी चाहत है कि उसे एक बार फिर से जानवरों के साथ रहने का मौका मिले. उसने कहा कि वह सिर्फ यहां से भागकर पहाड़ों और जंगलों में जाना चाहता है.
कौन है स्पेन का मोगली?
स्पेन के मोगली का असली नाम मार्कोस रोड्रिग्ज पैंटोजा है. जब वह 19 साल का था, तब पता चला कि एक लड़का स्पेन की सिएरा मोरेना पर्वत में रह रहा है. वह जंगलों में 12 सालों तक भेड़ियों के साथ रहा. अधिकारी जब उसकी तलाश में पहुंचे तो उन्होंने रोड्रिग्ज को नंगे पांव चलते हुए पाया. वह ये भी नहीं जानते थे कि आखिर लोगों से किस तरह से बात करना है. रोड्रिग्ज गुर्रा कर कम्युनिकेट करने की कोशिश कर रहे थे.
हालांकि, अब रोड्रिग्ज की उम्र 72 साल हो गई है और वह एक छोटे से घर में अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं. उनका आखिरी सबसे खुशनुमा पल जानवरों के बीच था. रोड्रिग्ज की उम्र तीन साल रही होगी, जब उनकी मां का मौत हो गई. उनके पिता दूसरी महिला के साथ रहने लगे. फिर रोड्रिग्ज के पिता ने उन्हें एक चरवाहे को सौंप दिया. रोड्रिग्ज जब सात साल के थे तो चरवाहे की मौत हो गई और वह अकेले रहने लगे.
रोड्रिग्ज अब जंगल में अकेले पड़ चुके थे. ऐसे में उनका साथ देने के लिए बस जानवर ही बचे हुए थे. उनकी कहानी ठीक जंगल बुक की तरह ही है. भेड़ियों के बच्चों ने रोड्रिग्ज को भाई मान लिया. एक भेड़िया उन्हें गुफाओं में अपने बच्चों के साथ रखता था. उस भेड़िये ने रोड्रिग्ज को यहां तक सिखाया कि किस तरह से जिंदा रहना है. किन फलों को खाना है और किन्हें खाने से बचना है.
क्यों परेशान हैं रोड्रिग्ज?
स्पेन के मोगली का कहना है कि जब से उन्हें ढूंढकर इंसानी दुनिया में लाया गया है, तब से उनकी जिंदगी बदल चुकी है. उनका कहना है कि लोगों ने उन्हें न सिर्फ धोखा दिया है, बल्कि उनका फायदा भी उठाया है. वह कहते हैं कि बाकी के लोगों के साथ घुलना-मिलना बहुत मुश्किल है. रोड्रिग्ज ने बताया कि फुटबॉल और राजनीति की समझ नहीं होने के चलते लोग उनका मजाक उड़ाते हैं.
रोड्रिग्ज कहते हैं कि मैंने फिर से पहाड़ों-जंगलों के बीच जाना चाहा, मगर अब भेड़िए मुझे पहचानते नहीं हैं. उन्होंने बताया कि वह हिरण, लोमड़ी और चीलों समेत कई सारे जानवरों की आवाज निकाल सकते हैं. उनका कहना है कि भले ही उन्हें अब कांटे-चम्मच से खाने की आदत पड़ गई है, मगर सबसे ज्यादा परेशानी लोगों से है, जो उन्हें समझते ही नहीं हैं. इसलिए वह अपनी जिंदगी से खासा निराश हो चुके हैं.
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