Recep Tayyip Erdogan President of Turkiye: इस्लामिक मुल्क तुर्किये (तुर्की) में हुए राष्‍ट्रपति चुनाव (Turkiye Presidential Election 2023) में पिछले दिनों रेसेप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) जीत गए. ये उनकी किसी चुनाव में लगातार ग्यारहवीं जीत थी. अब उन्‍होंने तुर्किये के 12वें राष्‍ट्रपति के रूप में पद की शपथ ली है.


अल जज़ीरा ने बताया कि रेसेप तैयप एर्दोगन का राष्‍ट्रपति पद का कार्यकाल उनकी ऐतिहासिक जीत के साथ 5 साल और बढ़ गया है, तुर्किये में पिछले महीने ही चुनाव हुए थे, जिसमें 28 मई की वोटिंग के दौरान एर्दोगन ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कमाल केलिकदारोग्लू (Kemal Kilicdaroglu) को हराया था.




69 साल के एर्दोगन सख्‍त छवि वाले नेता
रेसेप तैयप एर्दोगन खुद को इस्‍लाम का सच्‍चा अनुयायी बताते हैं. उनकी उम्र 69 वर्ष है. उनका जन्‍म 26 फरवरी 1954 को तुर्किये के इस्‍तांबुल में हुआ था. उनकी बीवी का नाम एमाइन गुलबारन (Emine Gülbaran) है. दोनों इस्‍लामिक रीति-रिवाजों को लेकर हमेशा मुखर रहे हैं, यानी वे खुद को पक्‍के मुसलमान के रूप में पेश करते हैं. एर्दोगन की छवि सख्‍त इस्‍लामिक राजनेता की रही है. और, ये छवि तुर्किये के लोगों को काफी पसंद है. यही वजह है कि वहां एर्दोगन पिछले 20 सालों से सत्‍ता में हैं.


विनाशकारी भूकंप से हुई तबाही के बावजूद फिर सत्‍ता में 
एर्दोगन की जीत की अहमियत ऐसे भी समझी जा सकती है कि इस साल की शुरूआत में तुर्किये में बड़ा विनाशकारी भूकंप आया था, उस भूकंप में 50 हजार से ज्‍यादा लोगों की जानें गईं और लाखों लोग बेघर हो गए. हजारों इमारतें तबाह हो गई थीं, साथ ही अरबों डॉलर की संपत्ति का नुकसान हुआ. उस दौरान तुर्किये के लोगों का सरकार के खिलाफ आक्रोश था, लेकिन पिछले माह जब चुनाव हुए तो वहां के लोगों ने एर्दोगन को ही सत्‍ता में बने रहने का मौका दिया.




बताया जा रहा है कि अब एर्दोगन तुर्किये के उस आर्थिक संकट के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होंगे, जिसने महंगाई और तुर्किये की मुद्रा के पतन को देखा है. राष्‍ट्रपति पद के शपथ ग्रहण के बाद एर्दोगन ने शनिवार, (3 जून) को अपनी नई सरकार के विजन के बारे में बात की. उन्होंने एक प्रसिद्ध बैंकर मेहमत सिमसेक को तुर्किये के वित्त मंत्री और राजकोष के पद पर नियुक्त किया.


शपथ ग्रहण में क्‍या बोले एर्दोगन?
तुर्किये की राजधानी अंकारा (Ankara) में संसद में एक समारोह में, एर्दोगन ने कहा, "मैं, राष्ट्रपति के रूप में, महान राष्ट्र के अस्तित्व और स्वतंत्रता की रक्षा हेतु इसके गौरवशाली इतिहास को साक्षी मानकर तुर्किये की एकता-अखंडता कायम रखने की शपथ लेता हूं."


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