दक्षिण अफ्रीका की शुरुआती रिपोर्ट से पता चला है कि कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हो चुके लोग वायरस की नई और तेजी से फैलनेवाली किस्म से दोबारा संक्रमित हो रहे हैं. ये बात विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों ने शुक्रवार को प्रेस ब्रीफिंग में कही. विश्व स्वास्थ्य एजेंसी की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या विश्वनाथन ने एक मोर्चे पर अच्छी खबर होने की बात कही.


कोरोना वायरस को मात दे चुके लोगों के लिए बुरी खबर


उनके मुताबिक, सुरक्षा मुहैया करानेवाली वैक्सीन से पूरी तरह संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा न भी मिले, मगर बीमारी की गंभीरता में कमी आ सकती है. उन्होंने बताया कि दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में अब तक होनेवाले मानव परीक्षण में गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत और मौत के खिलाफ वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित साबित हुई, किसी भी मानव परीक्षण में एक मामला सामने नहीं आया. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि टीकाकरण वायरस की नई किस्मों के फैलाव को भी कम कर सकता है.


दक्षिण अफ्रीका में नए वैरिएन्ट से दूसरी बार संक्रमण


स्वामीनाथन ने बताया कि अब ऐसी रिपोर्ट सामने आई हैं कि अगर आपको वैक्सीन लगाई गई है और फिर बीमार होते हैं, तो वायरल लोड बहुत कम होता है. इसलिए दूसरों को संक्रमित करने की संभावना कम हो सकती है. वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि पूर्व का कोविड-19 संक्रमण एंटीबॉडीज पैदा करता है और दोबारा संक्रमण से रोक सकता है. टीकाकरण लोगों को वायरस के खिलाफ सुरक्षा का निर्माण करने में भी मदद करता है.


लेकिन शोधकर्ता इस बात पर रिसर्च कर रहे हैं कि एक बार का संक्रमण और टीकाकरण कोरोना वायरस के नए और तेजी से फैलनेवाले वैरिएन्ट के खिलाफ किस हद तक हिफाजत कर सकता है. स्वामीनाथन ने स्वास्थ्य एजेंसी की ब्रीफिंग में टीकाकरण की प्रक्रिया से गुजर चुके लोगों को एहतियाती उपाय जैसे मास्क पहनना, हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग जारी रखने की नसीहत दी, जिससे वायरस के फैलाव को काबू करने में मदद मिल सके.


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