Saudi Arabia Allat Devi: सऊदी अरब में मिले मंदिरों के अवशेष, नबातियन सभ्यता में होती थी इस देवी की पूजा
Saudi Arabia Allat Devi: आज भले ही सऊदी अरब में मूर्ति पूजा को हराम माना जाता है, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब यहां के वादी रम इलाके में अल्लात देवी की पूजा होती थी.
Saudi Arabia Allat Devi: सऊदी अरब को इस्लाम के जन्मस्थान के तौर पर जाना जाता है, इस जगह से दुनियाभर में इस्लाम धर्म का विस्तार हुआ. सऊदी अरब में ही पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्म हुआ था, जिन्होंन इस्लाम धर्म की स्थापना की. पुरातत्वविदों का मानना है कि एक समय ऐसा भी था, जब सऊदी अरब में देवी-देवताओं की पूजा होती थी. सऊदी के मदाइन और वादी रम इलाके में मंदिरों के अवशेष मिले हैं.
दरअसल, सऊदी अरब के उत्तरी इलाके में जॉर्डन तक चौथी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 106 ईस्वी के बीच नबातियन सभ्यता फलफूल रही थी. वैसे तो इस सभ्यता की राजधानी जॉर्डन का पेट्रा शहर था, लेकिन सऊदी अरब के सालेह स्थित मदाइन भी इसका एक महत्वपूर्ण केंद्र था. नबातियन सभ्यता के लोग मेसोपोटामिया और यूनानी सभ्यता से अधिक प्रभावित थे. इस सभ्यता के लोगों ने पहाड़ों को कुरेदकर सामने की तरफ मंदिर और मकबरे बनाए हैं. इस सभ्यता के ऐसे कई उदाहरण मिले हैं. फिलहाल इससे जुड़ा कोई साहित्य इतिहासकारों को नहीं मिला है.
रोमन के राजा ने नबातियन सभ्यता को किया नष्ट
इतिहासकारों के मुताबिक, रोमन हमलों में नबातियन सभ्यता का अंत हो गया. रोमन के राजा ट्राजन ने इन इलाकों पर भयंकर हमला किया और इस सभ्यता को बर्बाद कर दिया. ऐसे में 106 ईस्वी तक नबातियन सभ्यता का अंत हो गया. अब पुरतत्वविदों को मदाइन के इलाकों से मंदिरों के कई अवशेष मिले हैं. जॉर्डन का पेट्रा शहर नबातियन सभ्यता की राजधानी जरूर था, लेकिन उन्होंने सऊदी अरब के अल उला में हेगारा इलाका बनाया था. यह इलाका नबातियन सभ्यता की दूसरी राजधानी थी, जो 3300 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है.
वादी रम इलाके में अल्लात देवी का मंदिर
सऊदी अरब के वादी रम इलाके में पहली बार साल 1930 में नबातियन सभ्यता के मंदिर की खोज हुई थी. साल 1995 में नबातियन सभ्यता के इस पुरातत्व स्थल को नष्ट करने का प्रयास हुआ, अब यहां पर कुछ ही अवशेष बचे हैं. इतिहासकारों के मुताबिक इस मंदिर को पहली सदी में बनाया गया था. सऊदी अरब के वादी रम इलाके में बने इस मंदिर को अल्लात देवी के रूप में जाना जाता है, यहां पर अल्लात देवी की मूर्ति है, जिसमें नबातियन सभ्यता के लोग पूजा करते थे. बताया जाता है कि रोमन राजा के हमले के बाद भी तीसरी शदी तक इस मंदिर में अल्लात देवी की पूजा की जा रही थी.
इस्लाम धर्म की स्थापना के बाद मूर्ति पूजा पर लगा बैन
करीब 1500 साल पहले मध्ययुगीन समय में मोहम्मद पैगंबर साबह के जन्म के बाद यहां पर इस्लाम धर्म की स्थापना हुई. सऊदी अरब में अब मक्का और मदीना हैं, जो दुनिया के करोड़ों मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र स्थल हैं. इस्लाम में मूर्ति पूजा हराम है, ऐसे में इस्लाम की स्थापना के साथ ही इन इलाकों में मुर्ति पूजा की मनाही है.
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