Tibetan People: चीन ने तिब्बतियों को वश में करने के लिए सख्त जीरो कोविड पॉलिसी को बनाया हथियार, रिपोर्ट में दावा
China Tibet Covid: तिब्बत में लॉकडाउन के बाद से सोशल मीडिया पर खूब विरोध शुरू हुआ था. तिब्बतियों को कोविड से संबंधित तस्वीरें और वीडियो ऑनलाइन साझा करने का साहस करने के लिए गिरफ्तार भी किया गया था.
Tibet China Corona: सख्त जीरो कोविड पॉलिसी कोरोना संक्रमण को रोकने में चीन के लिए बेहद मददगार साबित रहा. हालांकि, इसे लागू किये जाने के बाद सरकार को विरोध का सामना भी करना पड़ा था. आरोप लगा कि ख़ास कर इस पॉलिसी ने स्थानीय तिब्बतियों के जीवन को नर्क बना दिया है. उन पर कठोर पाबंदी थीं जिनमें कुछ ढील जरूरत बरती गई है. इसी बीच धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों पर बेबाकी से अपनी राय रखने वाली मार्को रेस्पिंटी ने इटली की एक पत्रिका (बिटर विंटर) में अपनी राय रखते हुए चीनी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
इटली की इस पत्रिका के एक रिपोर्ट के अनुसार, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने लॉकडाउन का प्रयोग तिब्बतियों को काबू में करने और उनपर अधिक निगरानी करने के लिए किया. गौरतलब है कि शी जिनपिंग की सख्त जीरो कोविड पॉलिसी चाइना में बेहद असरदार साबित हुई. पत्रिका ने शी जिनपिंग के सख्त जीरो कोविड पॉलिसी को दमन का एक बड़ा हथियार बताया है. रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन और अपने सख्त नियमों के जरिये शासन ने तिब्बत की बड़ी आबादी को नियंत्रण में कर, उनपर निगरानी रखा.
तिब्बतियों को बनाया निशाना
रेस्पिंटी ने कहा कि सख्त जीरो कोविड पॉलिसी के दौरान धार्मिक समूह, जातीय अल्पसंख्यक और कमजोर लोगों को निशाना बनाया गया. वॉयस ऑफ अमेरिका (VoA) ने 22 सितंबर को अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि तिब्बतियों पर अधिक कड़ी निगरानी रखी जाती है और क्षेत्र की राजनीतिक संवेदनशीलता के कारण अन्य लोगों की तुलना में इनके साथ कठोरता से पेश आया जाता है. बता दें कि तब लोगों को राजधानी ल्हासा के खाली स्टेडियमों, स्कूलों, गोदामों और अधूरी इमारतों में क्वारंटाइन किया गया था.
बिटर विंटर की रिपोर्ट के अनुसार पिछले दिनों तिब्बत में लॉकडाउन के बाद से सोशल मीडिया पर खूब विरोध शुरू हुआ था. यहां तक कि तिब्बतियों को कोविड से संबंधित तस्वीरें और वीडियो ऑनलाइन साझा करने का साहस करने के लिए गिरफ्तार भी किया गया था. साथ ही लोगों में खौफ का माहौल पैदा किया गया. आरोप लगाया जाने लगा कि चीन की जीरो कोविड पॉलिसी ने स्थानीय तिब्बतियों के जीवन को नर्क बना दिया. वे अमानवीय कोविड प्रतिबंधों को झेलने को मजबूर थे.
हाल ही में वॉयस अगेंस्ट ऑटोक्रेसी ने शी जिनपिंग प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि वास्तव में कोरोना प्रतिबंधों में ढील देकर तिब्बत में बसे मूल तिब्बतियों के व्यापक पैमाने पर नरसंहार के लिए कोरोना संक्रमण को माध्यम बनाया जा रहा है. दावा किया कि जब से बीजिंग ने सख्त कोविड प्रतिबंध हटाए हैं, तब से सिर्फ ल्हासा में कोविड संक्रमण से 100 लोगों की मौत हो चुकी है.
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