लंदन: पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाओं में जान जाने का खतरा दुनिया में सबसे अधिक है. सीरिया जैसे देश जहां के लोग खौफ के साये में जीवन जीते हैं उससे भी तीन गुना अधिक आतंक का खतरा पाकिस्तान में है. यह खुलासा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में किया गया है.


ग्लोबल टेरर थ्रेट इंडेक्स (जीटीटीआई) के नाम से 80 पेज के इस रिपोर्ट का प्रकाशन दुनिया में आतंक की समस्याओं से निपटने के लिए पॉलिसी तैयार करने के लिए किया गया है. इस रिपोर्ट को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और स्ट्रैटजिक फोरसाइट ग्रुप ने साथ मिलकर तैयार किया है.


जीटीटीआई रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि अतिवाद के बढ़ने, विध्वंसकारी हथियारों के गलत इस्तेमाल होने, आर्थिक तरक्की के अस्थिर होने जैसी समस्याओं से मानवता का विकास 2030 तक रुक सकता है और इन सभी समस्याओं की जड़ आतंकवाद है. जारी किए गए इस रिपोर्ट में अफगान तालिबान और लश्कर-ए-तैयबा को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे खतरनाक माना गया है.


वहीं, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान में सबसे ज्यादा आतंकवादियों के ठिकाने और सुरक्षित आश्रय हैं. जीटीटीआई रिपोर्ट में दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी ग्रुप में अधिकांश के पाकिस्तान में होने की बात कही गई है. जीटीटीआई में ये बात भी कही गई है कि अफगानिस्तान से संचालित होने वाले अनेक आतंकवादी ग्रुप पाकिस्तान के समर्थन से चलते हैं.


इस रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व में 200 से अधिक सक्रिय टेरर ग्रुप हैं. इन्हीं ग्रुप ने 21वीं सदी के आधे दशक में दुनिया के लगभग हिस्सों में आतंक फैलाया है. इस रिपोर्ट में अफगानिस्तान, लीबिया, सीरिया, यमन और बाकी देशों में सक्रिय आतंकवादी संगठनों की भी पूरी जानकारी दी गई है.


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