Pakistan News: पाकिस्तान में आए दिन जबरन धर्मांतरण की खबरें सामने आती रहती हैं. इसी को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट में ईसाई समुदाय के लड़कियों और महिलाओं की बता की गयी है. रिपोर्ट में जनवरी 2019 से लेकर अक्टूबर 2022 तक का आंकड़ा शामिल किया गया है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जनवरी 2019 और अक्टूबर 2022 के बीच पाकिस्तान में जबरन धर्म परिवर्तन, बाल विवाह और ईसाई समुदाय की लड़कियों और महिलाओं के अपहरण के कुल 100 मामले सामने आए हैं.
इस रिपोर्ट के अनुसार सहमति के बिना धर्मांतरण कराने वालों की संख्या भी 100 है. हालांकि ये आंकड़े सिर्फ तीन साल के बीच के नहीं है. जनवरी 2019 से लेकर अक्टूबर 2022 की बात करें तो, साल 2019 में 27 मामले सामने आए थे जबकि 2020 में 12 और 2021 से लेकर 2022 तक 19 मामले आए थे.
सबसे ज्यादा मामले कहां मिले
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि इसमें सबसे ज्यादा मामले पंजाब में दर्ज किया गया है जो कि 86 हैं. वहीं सिंध में 11 मामले और इस्लामाबाद में 2., खैबर पख्तूनख्वा में 1 मामला दर्ज किया गया है.
61 प्रतिशत लड़कियों को सोलह साल की उम्र तक बनाया गया शिकार
रिपोर्ट के मुताबिक पाया गया है कि 61 प्रतिशत लड़कियों को 16 वर्ष की आयु तक पहुंचने से पहले ही शिकार बना लिया गया. जबकि 18 प्रतिशत लड़कियों को 16 से 18 वर्ष की आयु के बीच शिकार बनाया गया और 14 प्रतिशत लड़कियों को 18 वर्ष से अधिक आयु के होने पर शिकार बनाया गया.
नाबालिगों को बनाया गया शिकार
रिपोर्ट के मुताबिक, जबरन धर्म परिवर्तन और बाल विवाह के अधिकांश पीड़ित नाबालिग हैं, हालांकि, सभी पीड़ितों की मनगढ़ंत उम्र जानबूझकर 18 वर्ष या उससे अधिक कर दिया गया है. जिससे अपराधियों द्वारा नाबालिगों की शादी को सही ठहराया जा सके और कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके. विवाह अवरोध अधिनियम 1929 के तहत कम उम्र के बच्चे का विवाह अवैध है.