China News: चीन में हर 5 में से 1 जवान है मेंटली बीमार, जिनपिंग की विस्तारवादी नीति और जंग लड़ने की जिद ने चीनी सैनिकों को किया 'पागल'
China News: साउथ चाईना मॉर्निंग पोस्ट में छपी खबर में बताया गया है कि पीएलए (PLA) के हर पांच में से एक सैनिक तनाव या अन्य दिमागी बीमारी से ग्रसित हैं.
China News: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सनक के बारे में पूरी दुनिया जानती है. चीन अक्सर अपनी सैन्य शक्ति को लेकर दम भरता है. हालांकि जो रिपोर्ट सामने आई है उससे पता चलता है कि चीन किस तरीके से अपने ही सैनिकों पर जुल्म ढा रहा है. दरअसल साउथ चाईना मॉर्निंग पोस्ट में छपी खबर के मुताबिक, चीन के सैनिकों की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. आइए जानते हैं क्या है रिपोर्ट में खास
साउथ चाईना मॉर्निंग पोस्ट में छपी खबर में बताया गया है कि पीएलए (PLA) के हर पांच में से एक सैनिक तनाव या अन्य दिमागी बीमारी से ग्रसित हैं. इसकी ठोस वजह तो नहीं बताया गया लेकिन कहा गया है कि सबसे बड़ी वजह चीन के राष्ट्रपति के विस्तारवादी नीति और जंग लड़ने और उसे जीतने की जिद है.
खबर ये भी है कि अब चीनी सैनिकों को चीन काउंसलिंग कोर्स शुरू करवाने वाला है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है जिससे कि उनका मानसिक संतुलन ठीक बना रहे.
सूत्रों की मानें तो चीन में फैले कोरोना के चलते भी सैनिकों के भीतर तनाव है. यहां तक कि उनके परिवार से मिलने पर भी पाबंदी है. चीनी पीएलए ने तो कोरोना के डर से एलएसी के पास अपने सभी कैंपों में बड़ी तादाद में क्वरंटाईन सैंटर तैयार कर लिया है.
चीन में कोरोना से हालात बेकाबू
चीन में कोरोना अबतक के सबसे बड़े विकराल रूप में है. यहां रोजाना के आंकड़े करोड़ों में आ रहे हैं. चीन में एक दिन में सबसे ज्यादा 3.7 करोड़ कोरोना के केस सामने आ चुके हैं, जो दुनियाभर में एक दिन में अब तक सर्वाधिक है. इस बीच चीन में रोजाना हजारों की संख्या में मौतें हो रही हैं. ऐसे में अस्तालों के बाहर डेथ सर्टिफिकेट के लिए लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं.
दरअसल, चीन के सबसे बड़े शहरों में से एक ग्वांगझोउ में अंतिम संस्कार वाली जगह के बाहर मृत्यु प्रमाण पत्र लेने के लिए लंबी लाइनें लग रही हैं. मृत्यु प्रमाण पत्र लेने के लिए एक साथ इतने लोग आ रहे हैं कि लाइन खत्म ही नहीं हो रही. बता दें कि ग्वांगझोउ के स्वास्थ्य आयोग ने कहा था कि कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट फ्लू की तुलना में बहुत घातक है.
ग्वांगझोउ के स्वास्थ्य आयोग ने साथ ही ये भी कही था कि इससे लोगों की कम मौतें होती हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि ग्वांगझोउ में एक साथ हजारों लोगों की मौत कैसे हो गई? अगर यहां लोगों की मौत संक्रमण से नहीं हुई तो कैसे हुई हैं? वहीं, चीन को लेकर वैज्ञानिक इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि चीन में तेजी से फैलता कोरोना दुनिया में एक नए कोरोनो वायरस म्यूटेंट को फैला सकता है.