Bangladesh Crisis: शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के 49 शिक्षकों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया है.  बांग्लादेश हिंदू बुद्धिस्ट क्रिश्चियन ओइक्या परिषद की छात्र शाखा बांग्लादेश छात्र ओइक्या परिषद ने शनिवार को जातीय प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी. बरिशाल के बेकरगंज सरकारी कॉलेज की प्रिंसिपल शुक्ला रानी हलदर के जबरन इस्तीफे का मामला सोशल मीडिया पर बवाल मचा रहा है. लोग जमकर इसकी निंदा कर रहे हैं. 


द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्र संगठन के संयोजक साजिब सरकार ने कहा कि शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से देश में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों को हिंसा का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि इसमें लूटपाट, महिलाओं पर हमले, मंदिरों में तोड़फोड़, घरों और कार्यस्थलों पर आगजनी यहां तक कि हत्याएं भी शामिल हैं. सरकार ने आगे खुलासा किया कि देश भर में अल्पसंख्यक शिक्षकों को शारीरिक हमलों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण 30 अगस्त तक कम से कम 49 शिक्षकों को जबरन इस्तीफा देना पड़ा. हालांकि, उनमें से 19 शिक्षकों को दोबारा बहाल कर दिया गया है.


शेख हसीना के इस्तीफे के बाद और भी बिगड़े हालात
दरअसल, बांग्लादेश में कोटा के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन हिंसक हो गया था, जिसके बाद शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर भागना पड़ा था. इस हिंसक आंदोलन के दौरान 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने शपथ लेने के बाद कहा था कि वह संविधान की मर्यादा बनाए रखेंगे, लोगों का समर्थन और उनकी रक्षा करेंगे और ईमानदारी से कर्तव्यों का पालन करेंगे. इसके बावजूद बांग्लादेश की हालात में सुधार होते नजर नहीं आ रहे हैं. 


बांग्लादेश के 48 जिलों में हिंदुओं के साथ हिंसा
शेख हसीना के ढाका छोड़ने के बाद देश में असामाजिक तत्वों ने अशांति फैलाई और हिंदुओं के घरों और पूजा स्थलों को निशाना बनाया. देश के 23 धार्मिक संगठनों के एक राष्ट्रीय गठबंधन, बांग्लादेश जातीय हिंदू मोहजोत (बीजेएचएम) ने कहा कि 5 अगस्त के बाद से देश के 48 जिलों में 278 स्थानों पर हिंदू परिवारों को हिंसा और बर्बरता का सामना करना पड़ा है. दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की स्थिरता और विकास के लिए भारत के समर्थन को भी दोहराया है. उन्होंने कहा आने वाले दिनों में हम हमेशा बांग्लादेश की 'विकास यात्रा' के लिए शुभकामनाएं देंगे क्योंकि हम मानव जाति के शुभचिंतक हैं.


शेख हसीना पर हत्या के मुकदमे
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार फिलहाल, शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है. हाल ही में बांग्लादेश के पूर्व कपड़ा एवं उद्योग मंत्री को गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा शेख हसीना और आवामी लीग के नेताओं पर लगातार हत्या और तमाम तरह के मुकदमें दर्ज हो रहे हैं. ऐसे में शेख हसीना का बांग्लादेश वापस जाना भी कठिन हो गया है, क्योंकि बांग्लादेश में उनकी गिरफ्तारी हो सकती है और लंबे समय तक जेल में रहना पड़ सकता है.


यह भी पढ़ेंः Imran Khan: 'पाकिस्तान में कोई भी...', पूर्व PM इमरान खान को कौन सी बात का सता रहा डर, इस बात से खोल दीं शरीफ सरकार की आंखें!