जिनेवा: म्यांमार में हुए सैन्य तख्तापलट की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करते हुए म्यांमार में सैन्य नेताओं से आग्रह किया है कि आंग सान सू ची समेत सरकार के अन्य असैन्य सदस्यों को तत्काल रिहा किया जाए.


परिषद ने पहले तैयार किए गए एक मसौदा प्रस्ताव में चीन और रूस के दबाव में फेरबदल करते हुए यह प्रस्ताव पारित किया. मानवाधिकार परिषद के एक विशेष सत्र में ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के जरिए तैयार किए गए मूल प्रस्ताव को संशोधित किया गया.


मूल प्रस्ताव के तहत संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों को जांच के लिए म्यांमार भेजा जा सकता था. संशोधित प्रस्ताव में इस अंश को हटा दिया गया. संशोधित प्रस्ताव के पारित होने के बाद चीनी राजदूत चेन शू ने सुझावों को शामिल करने के लिए अन्य सदस्य देशों को धन्यवाद दिया है.


संपर्क में भारत-अमेरिका
वहीं विदेश मंत्रालय ने कहा है कि म्यांमार में सैन्य तख्तापलट की घटना के बाद वहां की स्थिति का आकलन करने के लिए भारत और अमेरिका ने संपर्क में बने रहने पर सहमति जताई है.


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच टेलीफोन पर हुई वार्ता के दौरान म्यांमार के घटनाक्रम पर चर्चा हुई. भारत और अमेरिका संपर्क में बने रहने और स्थिति पर आकलन साझा करने पर सहमत हुए हैं.


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