Richard Liu Rape Case: चीन के 'जेफ बेजोस' कहे जाने वाले रिचर्ड लियू (Richard Liu) ने सबसे चर्चित मी टू केस (MeToo Case) को कोर्ट के बाहर ही सेटल कर लिया. अरबपति पर एक 25 वर्षीय चीनी मूल की छात्रा ने बलात्कार का आरोप लगाया था. इस पूरे घटनाक्रम पर दोनों पक्षों की ओर से शनिवार को बयान भी जारी किया गया. बयान में कहा गया कि जो घटना हुई थी उससे कुछ गलतफहमियां हुईं थीं, जिन्होंने जनता का ध्यान आकर्षित किया. इनकी वजह से दोनों ही पक्षों और उनके परिवारों को बहुत कुछ सहना पड़ा.
बयान में यह भी कहा गया कि अब दोनों ही पक्ष इस पीड़ा को कम करने के लिए अपने मतभेदों को खत्म कर समझौता करने के लिए तैयार हो गए हैं, ताकि आगे और कानूनी लड़ाई ना लड़नी पड़े. चर्चित मी टू केस के सेटल हो जाने के बाद चीन की जनता काफी हैरान है. बड़ी तादाद में लोग सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
अरबपति लियू ने अपने नाम से एक अलग बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने माफी मांगी और उम्मीद जताई कि उनका जीवन और उनका काम जल्द से जल्द सामान्य हो सकता है. लियू ने अपनी पत्नी का जिक्र कर कहा, "उनके बिना, मैं आज तक जीवित नहीं रह पाता." उन्होंने आगे कहा, "मैं सभी के बेहतर कल की कामना करता हूं!"
क्या है पूरा मामला?
अगस्त 2018 में लियू (छात्रा) ने आरोप लगाया था कि रिचर्ड लियू ने मिनियापोलिस के एक रेस्तरां से घर जाते समय उसे जबरदस्ती पकड़ लिया था और उसके बाद अपार्टमेंट में उसके साथ बलात्कार किया. उस समय रिचर्ड लियू मिनेसोटा विश्वविद्यालय में एक कार्यकारी कार्यक्रम में भाग ले रहे थे, जबकि लियू जो उस समय एक स्नातक छात्र थीं, कार्यक्रम में स्वेच्छा से भाग ले रही थीं. बता दें कि रिचर्ड लियू की कंपनी JD.com को भी मुकदमे में प्रतिवादी के रूप में नामित किया गया था.
4 साल बाद समझौता
इस मामले में रिचर्ड लियू को 31 अगस्त, 2018 की शाम को मिनियापोलिस में बलात्कार के संदेह में गिरफ्तार किया गया था. हैरानी की बात है कि अगले ही दिन रिचर्ड लियू को बेल भी मिल गई. लियू ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया और बयान में कहा कि शारीरिक संबंध दोनों की सहमति से बनाए गए थे. वहीं अब 4 साल के बाद इस मामले को कोर्ट के बाहर ही सेटल कर लिया गया है.
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