2500-Year-Old Sanskrit Puzzle Solved: कैंब्रिज विश्वविद्यालय के सेंट जॉन्स कॉलेज में एशियन एंड मिडल ईस्टर्न विभाग में पीएचडी कर रहे 27 साल के भारतीय छात्र ऋषि राजपोपट की चारों तरफ चर्चा हो रही है. दरअसल, ऋषि राजपोपट ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसे ढाई हजार साल से कोई नहीं कर पाया था. 


महान संस्कृत विद्वान रहे पाणिनि का पाठ
प्रचीन भारत के महान संस्कृत विद्वान रहे पाणिनि के लिखित एक पाठ को ऋषि ने डिकोड कर लिया है. यह पाठ लगभग ढाई हजार साल से भी ज्यादा पुराने हैं. कैंब्रिज विश्वविद्यालय अपने अनोखे शोध के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है. 


27 वर्षीय विद्वान छात्र ऋषि राजपोपट ने पाणिनि के व्याकरणिक पाठ को हल कर दिया, जिसको 5 वीं शताब्दी ईसा पूर्व से संस्कृत विद्वान भी हल नहीं कर पाए थे. आइए जानते हैं कि भारतीय छात्र ऋषि राजपोपट कौन हैं. 


पाणिनि की अष्टाध्यायी किताब
इस 27 साल के छात्र का पूरा नाम ऋषि अतुल राजपोपट है, उनका जन्म साल 1995 में हुआ था. खबरों के मुताबिक पाणिनि के संस्कृत व्याकरण 'अष्टाध्यायी' किताब में नए शब्दों को बनाने के लिए काफी परस्पर विरोधी नियम हैं, इसने हमेशा से विद्धानों को भ्रम में डाला हुआ था. 


अष्टाध्यायी का मेटारूल
पाणिनि ने अष्टाध्यायी में जो मेटारूल सिखाया है वह अक्सर व्याकरण की दृष्टी से गलत परिणाम देता है. ऋषि राजपोपट ने इसी मेटारूल की व्याख्या को खारिज करते हुए दूसरा तर्क दिया है. ऋषि ने कहा कि इस काम में उनका काफी समय लगा और एक बार को लगा कि यह नहीं हो पाएगा. लेकिन उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि पाणिनि की भाषा मशीन ने बिना किसी अपवाद के व्याकरण के तौर पर सही शब्दों का निर्माण किया है.


ऋषि राजपोपट ने कहा, 9 महीने तक इस समस्या को हल करने की कोशिश के बाद, मैं इसे छोड़ने वाला था. इसलिए मैंने एक महीने के लिए किताबें बंद कर दीं और बस गर्मियों का आनंद लेने लगा. मैंने स्विमिंग, साइकिल चलाना, खाना बनाना, प्रार्थना और ध्यान में मन लगाया. फिर बिना किसी मन से मैं काम पर वापस चला गया और मिनटों में जैसे ही मैंने पन्ने पलटे, ये पैटर्न मेरे मन में आने लगे. सब समझ में आने लगा." इसके बाद भी इस समस्या को हल करने में और दो साल लग गए.


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