Rishi Sunak Over Health: पीएम ऋषि सुनक निजी स्वास्थ्य सेवा का उपयोग करते हैं या नहीं, बताने से किया इनकार
Rishi Sunak Over Health: पीएम सुनक का इंटरव्यू वरिष्ठ डॉक्टरों ने एक चेतावनी के रूप में लिया है. जब सुनक से पूछा गया कि क्या राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) संकट में है तो उन्होंने कहा कि ऐसा है.
Rishi Sunak Over Health: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने रविवार (8 जनवरी) को तीन बार यह बताने से इनकार कर दिया कि वह पर्सनल हेल्थ सर्विस का उपयोग करते हैं या नहीं. बीबीसी के मुताबिक, एक इंटरव्यू के दौरान ब्रिटेन के पीएम से ये पूछा गया कि क्या वह निजी सामान्य चिकित्सा (GP) के साथ जुड़े हुए हैं. उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा कि हेल्थकेयर एक व्यक्तिगत पसंद है.
बीबीसी (BBC) ने यूके के प्रधानमंत्री के हवाले से कहा, "मैं एक एनएचएस परिवार में पला-बढ़ा हूं. मेरे पिता एक डॉक्टर थे और मां फार्मासिस्ट थीं." उन्होंने आगे कहा, "हमें स्वतंत्र क्षेत्र का उपयोग करना चाहिए, ताकि मरीज चुन सकें कि उन्हें इलाज कहां करवाना है."
जब उनसे पूछा गया कि क्या राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) संकट में है तो उन्होंने कहा कि बिना किसी शक के दबाव में है.
कोरोना महामारी पर जवाब
प्रधान मंत्री ऋषि सुनक से कोरोना महामारी से जुड़ा सवाल पूछा गया. इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें भरोसा था कि हम कोरोना महामारी समस्या पर काबू पा लेंगे. वही रॉयल कॉलेज ऑफ नर्सिंग की महासचिव कुलेन ने कहा कि लोगों की सेवा करने वाले नेताओं को आम जनता के साथ स्पष्ट होना चाहिए कि वो निजी स्वास्थ्य सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं या नहीं.
चेतावनी के रूप में लिया गया
पीएम सुनक के इंटरव्यू में वरिष्ठ डॉक्टरों के सवाल भी शामिल किए गए, जिसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता के वेतन संकट को लेकर अस्पतालों में चल रही हड़ताल से जुड़े सवाल भी शामिल थे. इस दौरान इंटरव्यू में और भी जरूरी स्वास्थ्य संबंधी बातों का भी जिक्र किया गया. इस वक्त ब्रिटेन में हॉस्पिटल में बढ़ रही वेटिंग लिस्ट और एंबुलेंस में हो रही रिकॉर्ड देरी अपने सबसे खराब लेवल पर है.
नए राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) के आंकड़े बताते हैं कि, पिछले साल नवंबर में, NHS के 58 फीसदी रोगियों को उस दिन इलाज नहीं मिल पाया था, जब उन्हें सख्त जरूरत थी. उस वक्त सात मिलियन से अधिक लोग हॉस्पिटल में इलाज के लिए इंतजार कर रहे थे, क्योंकि एनएचएस (NHS) अपने इतिहास में सबसे खराब दौर का सामना कर रहा था.