Rishi Sunak Slams Vladimir Putin: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने यूक्रेन संकट (Ukraine Crisis) को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) की कड़ी आलोचना की है. सुनक ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में विश्व के नेताओं का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए था. साथ ही सुनक ने रूस से यूक्रेन से बाहर निकलने के लिए कहा. वैश्विक नेताओं का सामना नहीं करने पर ऋषि सुनक ने व्लादिमिर पुतिन पर निशाना साधा और मॉस्को से कहा कि यह यूक्रेन के 'बर्बर' आक्रमण को समाप्त करने का समय है.


यूक्रेन को समर्थन जारी रखेगा ब्रिटेन


रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की मौजूदगी में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि यूके (UK) यूक्रेन का समर्थन करना जारी रखेगा. सुनक ने यूक्रेन पर रूसी हमले को अवैध करार देते हुए कहा कि रूस के अवैध युद्ध का हम सभी पर गहरा असर है और एक व्यक्ति के पास यह सब बदलने की शक्ति है. ब्रिटिश पीएम ने कहा कि यह उल्लेखनीय है कि पुतिन हमारे साथ यहां शामिल होने में सक्षम नहीं थे.


पुतिन अगर यहां होते तो हो सकता है हम चीजों को सुलझा सकते थे. कोई भी सबसे बड़ा अंतर यह कर सकता है कि रूस यूक्रेन से बाहर निकल जाए और इस बर्बर युद्ध को समाप्त कर दे. आक्रमण के बाद से क्रेमलिन प्रतिनिधि के साथ आमने-सामने आने वाले पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने जी-20 शिखर सम्मेलन में कहा कि देशों को अपने पड़ोसियों पर आक्रमण नहीं करना चाहिए. 


सुनक ने आगे यह कहा


ब्रिटिश पीएम ने जोर देकर कहा कि दुनिया को कोविड-19 के कारण आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से दुनिया की मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं. उन्होंने कहा कि ऊर्जा और भोजन का शस्त्रीकरण पूरी तरह से अस्वीकार्य है. यूक्रेन का दो तिहाई अनाज विकासशील देशों में जाता है, फिर भी रूस ने अनाज भंडारों को नष्ट कर दिया है और शिपमेंट को रोक दिया है. रूस का यह कदम दुनिया भर में सबसे कमजोर लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है और इसका प्रतिबंधों से कोई लेना-देना नहीं है.


अमेरिका ने भी रूस के खिलाफ की एक्शन की मांग


ब्रिटेन के अलावा, अमेरिका ने भी यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर उसकी आलोचना करते हुए उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने जी-20 से रूस को कूटनीतिक और आर्थिक रूप से और अलग-थलग करने की मांग की है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने भी बाइडेन की इस मांग का समर्थन किया है. वहीं, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने वैश्विक नेताओं को इस मुद्दे पर एकजुट करने की कोशिश की. विडोडो ने कहा कि अगर युद्ध खत्म नहीं हुआ तो आगे बढ़ना मुश्किल होगा. हमें दुनिया को हिस्सों में नहीं बंटने देना चाहिए. उन्होंने कहा कि दुनिया को एक और शीत युद्ध में नहीं फंसने देना चाहिए. 


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