Rishi Sunak PM: ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चुने गए हैं. सुनक पहले ब्रिटिश-भारतीय प्रधानमंत्री हैं. दीपावली के दिन सुनक के जैसे ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने की घोषणा हुई भारतवासियों ने इस फैसले का गर्मजोशी से स्वागत किया. दरअसल, ऋषि सुनक के भारतवंशी होने के नाते भी लोग इस फैसले से जुड़ाव महसूस कर रहे हैं. 


ऋषि सुनक सात महीनों में ब्रिटेन के तीसरे प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. इससे पहले लिज़ ट्रस ने देश का आंतरिक चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, लिज़ ट्रस से पहले बोरिस जॉनसन ब्रिटेन के पीएम थे. हालांकि लिज़ ट्रस का कार्यालय महज 45 दिनों का था और उन्होंने 20 अक्टूबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया.


सुनक ब्रिटेन के सबसे कम उम्र के पहले प्रधानमंत्री होंगे. सुनक ब्रिटेन के वित्त मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं. इसके अलावा ऋषि सुनक कई विवादों में भी आ चुके हैं. आइए जानते हैं कि वो कौन से विवाद हैं जिसने सुनक को असमंजस में डाल दिया.  


कोका कोला की लत


ऋषि सुनक के एक इंटरव्यू को लेकर तब हंगामा मच गया जब उन्होंने दो स्कूली बच्चों से कहा कि "मैं कोक का आदी हूं, मैं पूरी तरह से कोक का आदी हूं." बच्चों के साथ इंटरव्यू में सुनक ने आगे यह भी कहा था कि 'मैक्सिकन कोक' उनकी सबसे फेवरेट है. ऋषि सुनक की इस बात पर बच्चे जैसे ही हंसने लगे, उनको लगा कि उन्होंने कुछ गलत बोल दिया है और उनके शब्दों का गलत मतलब निकाला जा रहा है. इसके बाद ऋषि सुनक ने फौरन सफाई देते हुए कहा था कि कोई गलतफहमी न हो, मैं 'कोका कोला एडिक्ट' था, कोकीन का नहीं.


पेट्रोल पंप पर हुआ था विवाद 


इसी साल मार्च 2022 में, एक्सचेकर के तत्कालीन चांसलर, ऋषि सुनक ने ट्विटर पर पेट्रोल की कीमतों में कटौती के लिए एक सुपरमार्केट के पेट्रोल पंप (Sainsbury Service Station) पर एक कार में पेट्रोल भरते हुए तस्वीर शेयर की थी. दरअसल, ऋषि पर पेट्रोल की कीमतों में कमी की घोषणा के लिए प्रचार के बहाने आय का फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा था. 






ऋषि सुनक ने उस समय कैमरे के सामने लाल रंग की किआ रियो (KIA) गाड़ी में पेट्रोल भरवाया था, लेकिन वह गाड़ी सेन्सबरी के सर्विस स्टेशन कर्मचारी की थी. हालांकि, ऋषि सुनक ने बाद में कहा था कि उनके साथ जो सबसे ज्यादा शर्मनाक बात हुई, वो यह थी कि उन्होंने कार में पेट्रोल के लिए पेमेंट करने के लिए संघर्ष किया था. उन्होंने कहा था कि यह कार उनकी नहीं थी. इस रहस्य से पर्दा उठने के बाद ऋषि सुनक की "मजदूर वर्ग होने का नाटक" करने को लेकर काफी आलोचना हुई थी.

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