Bangladesh Sheikh Hasina UNGA Speech: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में कहा कि रोहिंग्या (Rohingyas) देश की अर्थव्यवस्था, माहौल, सुरक्षा और देश की सामाजिक-राजनीतिक स्थिरता पर गंभीर असर डाल रहे हैं. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से इस मामले में प्रभावी भूमिका निभाने का आग्रह किया. 


संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र को संबोधित करते हुए पीएम शेख हसीना ने कहा, ''बांग्लादेश में रोहिंग्याओं की लंबे समय तक मौजूदगी ने अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, सुरक्षा और सामाजिक-राजनीतिक स्थिरता पर गंभीर असर डाला है."


संयुक्त राष्ट्र महासभा में क्या बोलीं शेख हसीना?


पीएम हसीना ने कहा रोहिंग्याओं की वजह से देश में व्यापक निराशा है और सीमापार से ड्रग-मानव तस्करी समेत संगठित अपराधों के मामले बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा, ''हालात संभावित रूप से कट्टरता को बढ़ावा दे सकते हैं. अगर समस्या आगे बनी रही तो यह क्षेत्र और उसके बाहर की सुरक्षा और स्थिरता को प्रभावित कर सकती है.


2017 से म्यांमार से बांग्लादेश में रोहिंग्याओं के बड़े पैमाने पर पलायन के पांच वर्षों को याद करते हुए शेख हसीना ने कहा कि नाएप्यीडॉ और यूएन के साथ जुड़ाव होने के बावजूद एक भी रोहिंग्या को म्यांमार में उनके पुश्तैनी घर नहीं भेजा गया. देश में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल और हथियारों के संघर्ष ने रोहिंग्याओं के प्रत्यावर्तन को और भी कठिन बना दिया है. उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र इस संबंध में प्रभावी भूमिका निभाएगा.


यूएन को हसीना की नसीहत


शेख हसीना ने कहा, ''हमें यह साबित करने की जरूरत है कि संकट के समय में संयुक्त राष्ट्र बहुपक्षीय व्यवस्था की आधारशिला है. इसलिए सभी स्तरों पर लोगों का भरोसा और आत्मविश्वास हासिल करने के लिए, संयुक्त राष्ट्र को सामने से नेतृत्व करना चाहिए और सभी की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए काम करना चाहिए. बांग्लादेश का मानना है कि युद्ध, आर्थिक प्रतिबंध या जवाबी प्रतिबंध जैसी दुश्मनी कभी किसी देश का भला नहीं कर सकती है. संकटों और विवादों को सुलझाने का सबसे अच्छा तरीका संवाद का है.''


विश्व समुदाय की अंतरात्मा से किया यह आग्रह


पीएम हसीना ने कहा, ''विश्व समुदाय की अंतरात्मा से मेरा आग्रह है- हथियारों की होड़, युद्ध और प्रतिबंधों को रोकें, बच्चों का भोजन और सुरक्षा सुनिश्चित करें और शांति का निर्माण करें.'' शेख हसीना ने कहा, ''हमें यकीन है कि संघर्ष के मूल कारणों को संबोधित किए बिना हम शांति कायम नहीं रख सकते.''


पीएम हसीना ने कहा, ''हम एक धरती साधा करते हैं और हमारे ऊपर आने वाली पीढ़ियों के लिए इसे बेहतर आकार में छोड़ने की देनदारी है.'' बता दें कि बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने इसी महीने अपनी भारत यात्रा के दौरान कहा था कि रोहिंग्या बांग्लादेश पर बोझ हैं और भारत सरकार इस समस्या से निपटने में उसकी मदद कर सकती है.


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