Hijab Row: हिजाब विवाद पर पाकिस्तानी मंत्री ने दी प्रतिक्रिया तो मुख्तार अब्बास नकवी बोले- हमें न ज्ञान दें
Hijab Row: बुधवार को सामाजिक कार्यकर्ता और नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई, पाक सरकार में सूचना मंत्री फवाद हुसैन, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस मसले को लेकर भारत सरकार पर निशाना साधा.
Pakistan's reaction to the Karnataka Hijab controversy: कर्नाटक (Karnataka) में कुछ शिक्षण संस्थानों में हिजाब को लेकर खड़े हुए विवाद पर अब पाकिस्तान की तरफ से भी प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है. बुधवार को सामाजिक कार्यकर्ता और नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई, पाक सरकार में सूचना मंत्री फवाद हुसैन, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस मसले को लेकर ट्वीट किए. वहीं केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा, "अपने देश में अल्पसंख्यकों पर जुर्म और जुल्म का जंगल बन चुका पाकिस्तान हमें सहिष्णुता और धर्मनिरपेक्षता पर ज्ञान दे रहा है."
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बुधवार को ट्वीट करते हुए कहा, मुस्लिम लड़कियों को शिक्षा से वंचित करना मौलिक मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है. किसी को भी इस मौलिक अधिकार से वंचित करना और उन्हें हिजाब पहनने के लिए आतंकित करना बिल्कुल दमनकारी है. दुनिया को निश्चित रूप से समझना होगा कि यह भारत सरकार के मुसलमानों के दमन के प्लान का हिस्सा है.”
Depriving Muslim girls of an education is a grave violation of fundamental human rights. To deny anyone this fundamental right & terrorise them for wearing a hijab is absolutely oppressive. World must realise this is part of Indian state plan of ghettoisation of Muslims.
— Shah Mahmood Qureshi (@SMQureshiPTI) February 9, 2022
फवाद हुसैन ने कहा हिजाब पहनना व्यक्तिगत पसंद
पाक सरकार में सूचना मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने कहा, “मोदी इंडिया में जो हो रहा है वह भयानक है, भारतीय समाज अस्थिर नेतृत्व में सुपर स्पीड के साथ पतन की ओर जा रहा है. हिजाब पहनना एक व्यक्तिगत पसंद है किसी भी अन्य पोशाक की तरह.”
What’s going on in #ModiEndia is terrifying, Indian Society is declining with super speed under unstable leadership. Wearing #Hujab is a personal choice just as any other dress citizens must be given free choice #AllahHuAkbar
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) February 8, 2022
मलाला ने की भारतीय नेताओं से अपील
पाकिस्तानी सामाजिक कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने ट्वीट कर लिखा कि हिजाब पहनकर लड़कियों को कॉलेज जाने से रोकना भयावह है. महिलाओं के कम या ज्यादा कपड़े पहनने पर आपत्ति जताई जा रही है. भारतीय नेताओं को मुस्लिम महिलाओं को हाशिए पर जाने से रोकना चाहिए.
“College is forcing us to choose between studies and the hijab”.
— Malala (@Malala) February 8, 2022
Refusing to let girls go to school in their hijabs is horrifying. Objectification of women persists — for wearing less or more. Indian leaders must stop the marginalisation of Muslim women. https://t.co/UGfuLWAR8I
मरियम नवाज ने बदली ट्विटर प्रोफाइल पिक
पाकिस्तान मुस्लिम लीग की उपाध्यक्ष और पूर्व पीएम नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज शरीफ ने अपनी ट्विटर प्रोफाइल पिक बदल ली है. मरियम ने प्रोफाइल पिक में हिजाब मामले में अल्लाह हू अकबर के नारे लागने वाली कर्नाटक की छात्रा की तस्वीर लगा दी है.
#NewProfilePic pic.twitter.com/NVyvVOoR2O
— Maryam Nawaz Sharif (@MaryamNSharif) February 9, 2022
बता दें इस पूरे विवाद में मंगलवार को एक वीडियो वायरल हो गया था. इस वीडियो में दिखता है कि मांड्या ज़िले के एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में हिजाब पहनी एक छात्रा अपनी बाइक पार्क कर क्लास की ओर बढ़ती है और एक भीड़ उसके पीछे लग जाती है. भगवा गमछा-पाटा ओढ़े और उग्र नारेबाज़ी करते लोग जय श्री राम के नारे लगाते हुए छात्रा की ओर बढ़ते हैं जिसके बाद वो भी जवाब में भीड़ की ओर पलटकर दोनों हाथ उठाकर अल्लाहु अकबर का नारा लगाने लगती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस लड़की का नाम मुस्कान है.
नकवी ने साधा निशाना
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पाकिस्तान पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘‘अपने देश में अल्पसंख्यकों पर जुर्म और जुल्म का जंगल बन चुका पाकिस्तान हमें सहिष्णुता और धर्मनिरपेक्षता पर ज्ञान दे रहा है. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के सामाजिक-शैक्षिक-धार्मिक अधिकारों को बेदर्दी-बेशर्मी के साथ रौंदा जा रहा है.’’ उन्होने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत में मुसलमानों सहित सभी अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा, सम्मान, हिंदुस्तान के संस्कृति-संस्कार-संकल्प का हिस्सा हैं.’’
नकवी ने कहा, ‘‘हमें अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का ज्ञान देने वाले पाकिस्तान में जहां आजादी से पहले 1288 मंदिर थे, अब मात्र 31 रह गए हैं. आजादी के वक्त पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 23 प्रतिशत थी, अब 3 प्रतिशत भी नहीं रह गई है. वहीँ बंटवारे के बाद हिंदुस्तान में अल्पसंख्यक कुल जनसंख्या का 9 प्रतिशत थे वह बढ़कर 22 प्रतिशत से भी अधिक हो गए हैं.’’
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