नयी दिल्ली: जलवायु समझौते पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए भारत ने कहा कि उसने किसी दबाव या पैसे की लालच में पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किये बल्कि पर्यावरण की रक्षा के लिये प्रतिबद्धता के तौर पर समझौता किया.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत समझौते का हिस्सा बना रहेगा भले ही अमेरिका इसमें रहे या नहीं रहे. उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने पेरिस जलवायु समझौता किसी देश के दबाव में या धन के लालच में नहीं किया है. हमारा हस्ताक्षर किसी लालच या भय में नहीं किया गया है. हमने पर्यावरण की रक्षा की अपनी प्रतिबद्धता के तहत इस पर हस्ताक्षर किए हैं.’’
पेरिस समझौते से अमेरिका के हटने की घोषणा करते हुए ट्रम्प ने निर्णयों के लिए कई कारण गिनाए थे. उन्होंने कहा था, ‘‘विकसित देशों से अरबों-अरब डॉलर हासिल होने के कारण भारत ने इसमें हिस्सा लिया है.’’ ट्रम्प के आरोपों को खारिज करते हुए सुषमा ने कहा कि यह ‘वास्तविकता नहीं है.’ उन्होंने कहा कि भारत ने समझौते पर हस्ताक्षर भारतीय संस्कृति और मूल्यों के कारण किए.
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘यह प्रतिबद्धता पांच हजार साल पुरानी है. हम नदियों, पेड़ों और पहाड़ों की पूजा करते हैं. यह भारतीय मूल्य हैं, यह हमारी सांस्कृतिक विरासत है. अगर कोई कहता है कि धन के लालच और किसी के दबाव में समझौते पर हस्ताक्षर किये गये हैं तो यह गलत है. मैं इन दोनों आरोपों को खारिज करती हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत इसका हिस्सा बना रहेगा भले ही अमेरिका इसमें रहे या नहीं रहे.’’
ट्रंप के दावों की सुष्मा ने खोली पोल, कहा- दबाव या धन के लालच में नहीं किया पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर
एबीपी न्यूज़/एजेंसी
Updated at:
06 Jun 2017 10:28 AM (IST)
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