पाकिस्तान में इन दिनों राजनीतिक अस्थिरता के हालात चरम पर हैं. इस हालात में पाकिस्तान सरकार और सेना के बीच मतभेद  खुलकर सामने आ गये हैं. जहां प्रधानमंत्री इमरान खान इस अस्थिरता के पीछे अमेरिका को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. वहीं पाकिस्तानी सेना के जनरल कमर बाजवा यूएस की जमकर तारीफ कर रहे हैं. 


बाजवा ने अमेरिका की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुये कहा कि अमेरिका से हमारे अच्छे संबंध हैं. वहीं जनरल बाजवा ने यूक्रेन पर रूस के हमले की भी आलोचना की है. बाजवा ने कहा कि हम अमेरिका के साथ एक विस्तृत ऐतिहासिक, सामरिक संबंध रखते हैं. कई आपातकालीन अवसरों पर अमेरिका ने हमारी काफी मदद की है. 


क्या बोले थे इमरान ? 


अपने संबोधन के बीच में अमेरिका का नाम लेकर इमरान खान ने दावा करते हुए कहा कि, अमेरिका की तरफ से धमकी वाली चिट्ठी आई थी. वो चिट्ठी मेरे खिलाफ थी. उन्होंने कहा कि चिट्ठी में अविश्वास प्रस्ताव की बात थी. चिट्ठी में कहा गया था कि इमरान खान अगर प्रधानमंत्री रहे तो हमारे रिश्ते आपके मुल्क के साथ खराब हो जाएंगे. चिट्ठी में कहा गया कि इमरान खान चला जाए तो पाकिस्तान को माफ करेंगे. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ साजिश रची गई.


 क्या रही अमेरिका की प्रतिक्रिया


इस मामले में वाशिंगटन स्थित अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि अमेरिका पाकिस्तान में संवैधानिक प्रक्रिया का समर्थन करता है. इमरान खान द्वारा लगाए गए आरोपों में जरा भी सच्चाई नहीं है. अधिकारी ने कहा कि हम पाकिस्तान की संवैधानिक प्रक्रिया और वैध शासन का सम्मान और समर्थन करते हैं.


बता दें कि इमरान खान का विदेशी साजिश वाला ट्रिक आखिरी पलों में काम कर गया था. रविवार को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से कुछ समय पहले ही डिप्टी स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. उन्होंने इसके पीछे काफी हद तक साजिश वाली बात को ही वजह बताई थी.


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