अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की शुक्रवार को पुष्टि के कुछ घंटे के भीतर ही सोशल मीडिया पर इसको लेकर अफवाहों, गलत जानकारियों, और साजिश की कहानियों का दौर शुरू हो गया.
हजारों बार साझा किये गए ट्वीटों में यह दावा किया जा रहा था कि हो सकता है कि डेमोक्रेट पार्टी ने बहस के दौरान जानबूझकर राष्ट्रपति को किसी तरह कोरोना वायरस से संक्रमित करा दिया. वहीं फेसबुक पर इसकी भी संभावना जाहिर की जा रही थी कि हो सकता है कि ट्रंप अपनी बीमारी को लेकर झूठ बोल रहे हों.
वहीं इसी बीच एक और चीज सोशल मीडिया पर देखने को मिली. इंटरनेट पर निराधार अफवाहों को फैलाने वाले समूह 'क्यूएनन समर्थकों ने भी इस संबंध में लगतार पोस्ट करके अफवाहों को हवा देने का काम किया. क्यूएनन के समर्थक उन निराधार बात को अफवाह देते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप उस वैश्विक नेटवर्क के खिलाफ लड़ाई लड़े रहे हैं जो बाल यौन शोषण तस्करी कर रहे हैं और ट्रंप इन लोगों के खिलाफ मोर्चा खोलकर इनकी गिरफ्तारी करवा रहे हैं, जबकि इस संबंध में कोई भी साक्ष्य उपलब्ध नहीं है.
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सरकार पर गलत जानकारियों के प्रभाव का कॉर्नेल विश्वविद्यालय में अध्ययन करनेवाली एलेक्जेंड्रा सीरोन कहती हैं, '' चुनाव से कुछ सप्ताह पहले यह राजनीतिक संकट सामने आया है और इसके साथ ही यह एक स्वास्थ्य संकट भी है. दोनों मिलाकर एक तूफान जैसा हो गया है.''
फेसबुक ने शुक्रवार को कहा था कि उन्होंने तत्काल ट्रंप के संक्रमित होने से जुड़ी गलत जानकारियों की निगरानी शुरू कर दी और गलत पोस्टों को लेकर उनमें 'फैक्ट चैक (तथ्य जांच) भी शुरू की. उसने कहा, “पहले से ही काफी मात्रा में गलत खबरों का सामना कर रहे चुनावों में यह गलत खबर की एक और कड़ी है.”
वहीं ट्विटर का कहना है कि वह गलत जानकारियों वाले ट्वीटों को सीमित करने पर काम कर रहे हैं. जबकि ऑनलाइन गलत जानकारियों का पता लगाने वाली एक टेक कंपनी विनसाइट का कहना है कि करीब 30,000 ट्विटर यूजर ने साजिश वाली कहानियों को रिट्वीट किया.
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