मॉस्को: रूस की एक गगनचुंबी इमारत में नए साल की पूर्व संध्या पर हुए गैस विस्फोट में मरने वालों की संख्या 26 हो गई है. उरल पहाड़ियों में स्थित मैगनितोगोर्स्क शहर में इमारत में विस्फोट के बाद से 15 लोग अब भी लापता हैं. स्थानीय अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि कड़ाके की ठंड (शून्य से करीब 27 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान) के बावजूद बचावकर्ता मलबे से शवों को निकाल रहे हैं.


उन्होंने बताया कि भवन क्षतिग्रस्त होने के करीब 36 घंटे बाद मलबे से जिंदा निकाले गए 10 महीने के बच्चे को उसकी मां से मिलाया गया. हालांकि और लोगों के जिंदा बचे होने की संभावना कम हो गई है. आपात स्थिति से संबंधित मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि साढ़े चार बजे तक 26 शव निकाले गए जिनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं. इससे पहले दो बच्चों समेत छह लोगों को बचाया गया था.


ब्रिटिश मीडिया द गार्डियन में छपी एक ख़बर के मुताबिक रूस ने उन बातों से इनकार किया है जिनमें ये जानकारी सामने आई थी कि बिल्डिंग में विस्फोटक मिला है. नए साल के पहले हुए धमके में इस बिल्डिंग का एक हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. लेकिन आवासीय बिल्डिंग में धमके के कारणों में विस्फोटक की बात को रूस ने सिरे से ख़ारिज कर दिया है. हालांकि, रूस का कहना है कि वो सभी संभावित कारणों की जांच कर रहे हैं.


रूस के औधोगिक क्षेत्र में बनी 10 माले की इस बिल्डिंग में धमाके के बाद से अभी भी 15 लोग लापता हैं. रूसी राष्ट्रपति पुतिन को सीधे तौर पर रिपोर्ट करने वाली एक एंजेसी का कहना है कि धमाके का सबसे संभावित कारण गैस लीक हो सकता है. हालांकि, Zank.com नाम की एक वेबसाइट ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि धमाके में विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ है और ये आतंकी हमला है. मामले की जांच जारी है.


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