Ukraine-Russia War: रूस ने ब्रिटेन पर यूक्रेन को सीधे तौर से युद्ध में मदद का गंभीर आरोप लगाया है. रूस का आरोप है कि यूक्रेन ने ब्रिटेन की मदद से उसके (रूस) के ब्लैक सागर फ्लीट के युद्धपोत और कार्गो शिप पर हमला बोला है. रूस ने इस घटना को आतंकी हमला करार देते हुए यूक्रेन से अनाज निर्यात संधि रद्द कर दी है.


रूस के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार देर शाम आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि शनिवार की तड़के 4.20 पर ब्रिटेन की मदद से यूक्रेन ने 9 ड्रोन और 07 अनमैनड मेरीटाइम व्हीकल से हमला किया. ये हमला क्रीमिया के राजधानी सेवेस्तोपोल से सटे ब्लैक सागर में रूसी नौसेना के जंगी बेड़े और सिविल जहाज पर हमला किया. रूस का दावा है कि इस हमले से एक माइनस्वीपर (युद्धपोत) और एक फ्लोटिंग बैरियर को मामूली नुकसान हुआ. 


अनाज संधि रद्द


रूस का दावा है कि ब्रिटेन और यूक्रेन के हवाई और समुद्री हमलों को नाकाम करते हुए सभी सात ड्रोन और चार अनमैनड मेरीटाइम व्हीकल (बोट)‌ को रूसी नौसेना के युद्धपोत पर लगी एविएशन मिसाइल और दूसरे हथियारों से तबाह कर दिया गया. रूस ने यूक्रेन के हमलों को आतंकी कारवाई बताते हुए अनाज संधि रद्द कर दी है. रूस का दावा है कि जिन रूसी युद्धपोतों पर ड्रोन अटैक किया गया वे सभी यूक्रेन ये निर्यात होने वाले अनाज के जहाजों को कॉरिडोर प्रदान कर रहे थे. इसीलिए यूक्रेन के साथ किए गए अनाज निर्यात करार को अब से रद्द कर दिया गया है.


रूस ने ये भी आरोप लगाया कि ब्रिटेन की मदद से जब यूक्रेन ने ड्रोन अटैक किया तो उसी दौरान अमेरिका का आरक्यू ग्लोबस हॉक टोही ड्रोन भी इस एरिया में देखा गया था. रूस ने इस दावे की पुष्टि के लिए ओपन सोर्स फ्लाइट ट्रैकर, फ्लाईट-24 का मैप भी जारी किया. 


नौसैनिकों को निकोलाएव एरिया में दी जा रही ट्रेनिंग-रूस


रूसी रक्षा मंत्रालय का आरोप है कि ब्रिटेन के स्पेशिलिस्ट यूक्रेन को इस तरह के (आतंकी) हमलों के ट्रेनिंग दे रहे हैं. ये ट्रेनिंग यूक्रेन की 73वीं मरीन स्पेशल ऑपरेशन्स सेंटर के नौसैनिकों को निकोलाएव एरिया में दी जा रही है. रूस ने अपने बयान में ये भी आरोप लगाया कि 26 सितंबर को बाल्टिक-सागर में नोर्ड स्ट्रीम-1 और 2 पर जो हमला हुआ था उसकी साजिश भी ब्रिटिश नौसेना रची थी.


दरअसल, आज से करीब 230 साल पहले 'ब्लैक सी' पर अपना दबदबा कायम करने के लिए रूस की सेना ने ‘बैटल ऑफ पोल्टावा’ की विनाशकारी जंग लड़ी थी. तब से लेकर आज तक ब्लैक सी रूस के लिए नाक का सवाल है. ब्लैक सी की हर हलचल पर व्लादिमीर पुतिन की नजर होती है...कल ब्लैक सी में एक बड़ा धमाका हुआ. इस धमाके की गूंज पुतिन के कानों तक पहुंची है क्योंकि जिस ब्लैक सी फ्लीट को समंदर का बाहुबली माना जाता है. उस पर यूक्रेन ने ड्रोन अटैक कर दिया.


तबाही की वजह बन सकता है धमाका


नीले समंदर में हुआ ये धमाका रूस औऱ यूक्रेन युद्ध में एक बड़ी तबाही की वजह बन सकता है. जिस ब्लैक सी फ्लीट को समंदर में पुतिन की नेवी की शान माना जाता है उस फ्लीट के एक जहाज पर ब्लास्ट हो गया. रूसी रक्षा मंत्रालयन का दावा है कि ब्लैक सी फ्लीट पर ये हमला यूक्रेन की ड्रोन ब्रिगेड ने किया है. वहीं, जिस जगह ये हमला हुआ वो क्रीमिया का सेवास्तोपोल इलाका है. यहीं पर रूसी नेवी की ब्लैक सी फ्लीट का हेडक्वार्टर है. 


रूस का दावा है कि ब्लैक सी फ्लीट पर हुए हमले को यूक्रेन की 73वीं स्पेशल सेंटर फॉर मरिटाइम ऑपरेशंस ने अंजाम दिया. हालांकि इस पूरे ऑपरेशन को ब्रिटेन के मिलिट्री एक्सपर्ट गाइड और मॉनीटर कर रहे थे. रूस के मुताबकि अंग्रेजों की एक स्पेशल टीम  मिकोलीव के ओचाकीव में बैठकर बारूदी साजिश रच रही है. वहीं, रूस के इन आरोपों का ब्रिटेन औऱ यूक्रेन दोनों ने खंडन किया है. यूक्रेन ने कहा है कि रूसी जहाज पर हुए धमाके की वजह विस्फोटक के रख-रखाव में लापरवाही है जिसका जिम्मेदार खुद रूस है.


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