यूक्रेन पर रूस का हमला शुरू हुए एक महीना हो गया है और इस दौरान रूसी सेना ने यूक्रेन के अस्पतालों, एम्बुलेंस, चिकित्सकों, मरीजों और यहां तक कि नवजात शिशुओं पर भी हमले किए हैं. ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ ने स्वतंत्र रूप से ऐसे कम से कम 34 हमलों को देखा है. इन हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुये यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया इन हमलों को देख रही है यह नरसंहार है.
हर नए हमले के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उनके जनरल और क्रेमलिन (रूस के राष्ट्रपति कार्यालय) के शीर्ष सलाहकारों के खिलाफ युद्ध अपराधों के मुकदमों के लिए मांग तेज होती जा रही है. इन्हें दोषी ठहराने के लिए अभियोजकों को यह दिखाना होगा कि हमले महज दुर्घटना या इससे हुई क्षति नहीं हैं.
रूस को युद्ध अपराध के मुकदमों से घेरना चाहता है अमेरिका
न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में कानून के प्रोफेसर और अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के पूर्व विशेष अधिवक्ता रेयान गुडमैन ने कहा कि हमलों के तरीके से अभियोजकों को यह मामला बनाने में मदद मिलेगी कि ये जानबूझकर किए गए हमले हैं. उन्होंने कहा कि अभियोजक इस बात से निष्कर्ष निकालेंगे कि कितने अस्पतालों को निशाना बनाया गया कितनी बार निजी सुविधाओं को बार-बार और किस अवधि में निशाना बनाया गया.
युद्ध अपराध अभियोजकों के लिए अस्पतालों पर जानबूझ कर किए गए हमले सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. वहीं इस युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलडिमीर जेलेंस्की ने रूस से युद्ध को समाप्त करने के लिए फिर से बातचीत करने की अपील की है लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यूक्रेन शांति के लिए अपने किसी भी क्षेत्र को छोड़ने के लिए सहमत नहीं होगा.
डोनबास की मुक्ति पर ध्यान केंद्रित कर रही है रूसी सेना
जेलेंस्की राष्ट्र के नाम शुक्रवार रात अपने वीडियो संबोधन में रूसी जनरल स्टाफ के उप प्रमुख कर्नल जनरल सर्गेई रुडस्कोई को जवाब देते हुए दिखाई दिए. रुडस्कोई ने कहा था कि रूसी सेना अब मुख्य लक्ष्य डोनबास की मुक्ति पर ध्यान केंद्रित करेगी.
रूस समर्थित अलगाव वादियों का 2014 से पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र के हिस्से पर नियंत्रण है और रूसी सेना यूक्रेन से और अधिक क्षेत्र को नियंत्रण में करने के लिए जूझ रही है जिसमें मारियुपोल शहर भी शामिल है.जेलेंस्की ने उल्लेख किया कि रूसी सेना ने हजारों सैनिकों को खो दिया है लेकिन अब भी वह कीव या खारकीव पर कब्जा करने में सक्षम नहीं है.