Russia-UK Conflict: रूस की संघीय सुरक्षा सेवा ने शुक्रवार (13 सितंबर 2024) को छह ब्रिटिश राजनयिकों पर जासूसी करने का आरोप लगाते हुए उन्हें देश से निष्काषित कर दिया. रूसी राज्य टीवी के अनुसार रूस की एफएसबी सुरक्षा सेवा ने दावा किया है कि उन राजनयिकों के पास से कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिससे यह साफ होता है कि वे खुफिया जानकारी जुटाने के साथ-साथ जासूसी कर रहे थे. अब इस पर ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने बयान जारी कर रूस की एफएसबी सुरक्षा सेवा की ओर से उनके कर्मचारियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया है.


ब्रिटेन ने बताया कि क्यों हुई कार्रवाई?


ब्रिटेन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यूरोप और यूके में रूस की ओर से निर्देशित गतिविधि के जवाब में यूके सरकार की कार्रवाई के बाद रूस ने पिछले महीने यूके के 6 राजनयिकों की मान्यता रद्द कर दी थी. बिट्रेन विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि वे अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के प्रति तटस्थ हैं. रूस ने यह कदम अमेरिका और ब्रिटेन की ओर से यूक्रेन को लगभग 1.5 बिलियन डॉलर का सहायता देने का वादे के बाद उठाया है.


यूक्रेन ने मिसाइल को लेकर मांगी अनुमति


यह घटना ऐसे समय में हुई है जब रूस और ब्रिटेन के बीच तनाव बढी हुई है, जबकि यूके के पीएम कीर स्टार्मर यूक्रेन में युद्ध पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ चर्चा करने के लिए अमेरिका दौरे पर हैं. यूक्रेन ने ब्रिटेन और अमेरिका जैसे पश्चिमी सहयोगियों से रूस के भीतर लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी, जिसके बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दे डाली. रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन की ओर से इस तरह के प्रयोग को मास्को युद्ध की कार्रवाई के रूप में देखेगा.


रूसी नेता ने गुरुवार (12 सितंबर 2024) को यूक्रेनी राष्ट्रपति को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि ब्रिटेन निर्मित मिसाइलों के प्रयोग से युद्ध की प्रकृति ही बदल जाएगी. सरकारी मीडिया से बात करते हुए रूसी नेता कहा था कि ब्रिटेन के मिसाइल के इस्तेमाल का मतलब होगा कि नाटो देश, अमेरिका, यूरोपीय देश रूस के साथ युद्ध में हैं.


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