Russia-China Naval Drill: दक्षिण चीन सागर में इस कदर सैन्य अभ्यास हो रहे हैं कि यह युद्ध का मैदान बनता जा रहा है. दणिण चीन सागर को लेकर चीन और फिलीपींस के बीच गहरा तनाव है. इसके अलावा कई अन्य देश भी इस इलाके पर अपना कब्जा जताते हैं, दूसरी तरफ चीन दक्षिण चाइना सी को पूरी तरह अपना बताता है. अब चीन और रूस दक्षिण चीन सागर में संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहे हैं. चीन और रूस ने इस इलाके में लाइव फायर नौसैनिक अभ्यास किया है. इसके पहले 26 देश इसी इलाके में सैन्य अभ्यास कर चुके हैं. दूसरी तरफ अमेरिका और फिलीपींस ने संयुक्त रूप से फिलीपीन सागर में गश्त किया है.


चीन की सरकारी मीडिया ने बताया कि सैन्य अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं साउथ चाइना सी के एक अनाम इलाके में किया है. दोनों देशों ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूत किया है. रूस के रक्षा मंत्रालय ने सप्ताह की शुरुआत में टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर इस नौसैनिक अभ्यास के बारे में जानकारी दी थी. मंत्रालय ने बताया कि नौसैनिक अभ्यास 'समुद्री सहयोग - 2024' का उद्घाटन चीनी बंदरगाह झानजियांग में हुआ. रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस समुद्री युद्धाभ्यास के दौरान रूस के प्रशांत बेड़े और पीएलए नौसेना के जहाजों को भाग लेना था.


नौसैनिक अभ्यास में प्रशांत बेडे़ की टुकड़ी हुई शामिल
रूस की आरआईए राज्य समाचार एजेंसी ने बताया कि इस अभ्यास में चीन और रूस की नौसेना ने संयुक्त अभ्यास के हिस्से के रूप में तोपखाने की फायरिंग की. इस अभ्यास के में रूस के प्रशांत बेड़े की टुकड़ी शामिल थी. जिसमें दो कोरवेट, रेज्की और ग्रोम्की ने हिस्सा लिया. इस अभ्यास के दौरान चीन और रूस ने उत्तरी प्रशांत सागर में गश्त भी की. 


रूस और चीन का हुआ फायदा
चीन की सीसीटीवी न्यूज ने पीएलए नौसेना के हवाले से बताया कि चीन-रूस संयुक्त गश्त ने कई दिशाओं और क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच गहन और व्यावहारिक सहयोग को बढ़ावा दिया है. दोनों देशों की नौसेना ने समुद्री खतरे को प्रभावी ढंग से जवाब देने का कौशल सीखा है. पीएलए नौसेना ने बताया कि इस अभ्यास में भाग लेने वाले जहाज सोमवार को दक्षिणी चीन के ग्वांगडोंग प्रांत के झानजियांग से रवाना हुए.


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