Russia India Relation : सेना को लेकर रूस और भारत कर रहे बड़ा समझौता, NATO को लगेगी मिर्च
Russia India Relation : रूस ने एक लॉजिस्टिक समझौते को मंजूरी दी है, जो भारत के साथ सैनिकों की तैनाती के लिए काफी महत्वपूर्ण कदम है
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Russia India Relation : रूस ने भारतीय सैनिकों की तैनाती को लेकर एक और बड़ा कदम उठाया है. इस मंजूरी के बाद से दोनों देशों की सेनाओं के बीच ऑपरेशनल संबंध बढ़ेगा. दरअसल, रूस ने एक लॉजिस्टिक समझौते को मंजूरी दी है, जो भारत के साथ सैनिकों की तैनाती के लिए काफी महत्वपूर्ण कदम है. इस समझौते के बाद दोनों देश एक-दूसरे को सैन्य अभियानों में लॉजिस्टिकल सपोर्ट करेंगे. इसमें रिफ्यूलिंग, मेंटिनेंस और सप्लाई का प्रावधान किया गया है. रूसी मीडिया का कहना है कि इस समझौते के बाद रूसी सैनिकों, फाइटर जेट और युद्धपोतों की तैनाती हो सकेगी. वैसे भी भारत और रूस की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है. भारत को मिग और सुखोई जैसे अत्याधुनिक रूसी फाइटर जेट और हथियार मिलते रहे हैं. अब इस महत्वपूर्ण कदम ने दोस्ती को और मजबूत कर दिया है.
एक्सपर्ट बोले- यह फैसला काफी अहम
स्पुतनिक इंटरनैशनल न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इस समझौते को रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर किया गया है. भारतीय पक्ष से भी इसको लेकर सलाह ली गई. रूस के पीएम मिखाइल मिशुस्टिन ने इसको लेकर रूसी रक्षा मंत्रालय को भी निर्देश दिया था. इसमें कहा गया कि वह भारत के साथ समझौते पर बातचीत करें, ताकि दोनों देशों में सैनिकों की तैनाती के तरीके पर बातचीत हो सके. इसको लेकर जब रूसी विशेषज्ञ एलेक्सी कुपरियानोव से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह एक काफी अहम फैसला है. जब रूसी या भारतीय सैनिक अभ्यास के लिए तैनात किए जाएंगे तो इससे कई बाधाएं खत्म हो जाएंगी. एलेक्सी ने कहा कि इस तरह के दस्तावेज कानूनी रूप से तैनाती की प्रक्रिया को औपचारिक रूप देते हैं. ऐसा एक समझौता दोनों देशों के बीच पहले से ही है, जो हर 5 साल में बढ़ जाता है. इस समझौते में सैनिकों के लिए पासपोर्ट और वीजा कंट्रोल को शामिल किया जाना है, जिसे पहले छूट दी गई थी.
नाटो के देशों के लिए कड़ा संदेश है
रूसी राजनीतिक विश्लेषक स्टानिस्लाव ने भी इस पर अपनी राय दी. उन्होंने कहा कि यह समझौता व्यापक यूरेशियाई सुरक्षा के लिए है. यह नॉर्थ साउथ कॉरिडोर प्रॉजेक्ट से जुड़ा हुआ है, जिसमें भारत, पाकिस्तान, चीन और ईरान जैसे देश शामिल हैं. दोनों देशों के बीच इस प्रॉजेक्ट का उद्देश्य सुरक्षा रणनीति के लिए कनेक्टिविटी और आर्थिक सहयोग बढ़ाना है. यह समझौता एक स्पष्ट संदेश है कि भारत और रूस की भागीदारी मजबूत हो रही है. एक्सपर्ट ने कहा कि नाटो के देशों ने दुनियाभर पर दबाव बनाया हुआ है. भारत और रूस का यह समझौता एक कड़ा संदेश है.
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