मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि रूस ने यूक्रेन में नागरिक आबादी को निकालने के लिए बुधवार सुबह मानवीय संघर्ष विराम की घोषणा की है. समाचार एजेंसी स्पुतनिक के अनुसार, रूस ने "साइलेंस मोड" घोषित किया है और कीव सहित कई शहरों से मानवीय गलियारे प्रदान करने के लिए तैयार है. यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब दोनों पक्षों ने मानवीय गलियारों को बाधित करने के लिए एक दूसरे पर आरोप लगाया है. रूस ने कहा कि वे चेर्निहाइव, सुमी, खार्किव, मारियुपोल और ज़ापोरिज्जिया से गलियारे प्रदान करने के लिए तैयार हैं. मानवीय समन्वय केंद्र के प्रमुख मिखाइल मिज़िन्त्सेव ने कहा कि रूस ने फिर से यूक्रेन को नागरिकों की वापसी के लिए मार्गों पर सहमत होने की पेशकश की.
जेलेंस्की ने ज्यादा मानवीय गलियारों की अपील की थी
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने युद्ध के दौरान सुरक्षित निकासी की कोशिश कर रहे यूक्रेनी नागरिकों के लिए मानवीय गलियारों के विस्तार और रेड क्रॉस से अधिक सहयोग का आह्वान भी किया था. एक अज्ञात जगह से मंगलवार को दिए गए वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि दक्षिणी समुद्री बंदरगाह शहर मारियुपोल में नाकेबंदी के बीच शरीर में पानी की कमी होने से एक बच्चे की मौत हो गई, यह इस बात का संकेत है कि शहर के लोग कितने हताश हो गए हैं.
भारत ने सूमी से सभी भारतीय छात्रों को निकाला
भारतीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि युद्धग्रस्त यूक्रेन के सूमी शहर से सभी भारतीय छात्रों को निकाल लिया गया है और छात्र बसों में सवार हो कर पोलतावा शहर के लिए रवाना हो गए हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘‘यह सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हमने सूमी से सभी भारतीय छात्रों को निकाल लिया है. वे अभी पोलतावा शहर के लिए रास्ते में हैं जहां से वे पश्चिमी यूक्रेन के लिये रेलों पर सवार होंगे.’’
उन्होंने कहा कि आपरेशन गंगा अभियान के तहत उड़ानों में उन्हें भारत वापस लाया जायेगा. उल्लेखनीय है कि भारत, 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले शुरू होने के बाद से, पूर्वी यूरोपीय देश में फंसे 17,100 से अधिक भारतीय छात्रों को अब तक वापस ले आया है. सूमी में रूसी और यूक्रेनी सैनिकों के बीच कई दिनों से जंग चल रही है.
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