India Russia Arms Deal: रूस से हथियार खरीदने में भारत नं-1, पांच साल में खरीदे ₹1 लाख करोड़ के हथियार, अमेरिकी धमकी का नहीं पड़ा कोई असर
India Russia Relations: रूस से हथियार खरीदने के मामले में भारत पूरी दुनिया में पहले नंबर पर है. भारत ने कई ऐसे सौदे किए, जिनकी अमेरिका को भनक लगी तो प्रतिबंधों की धमकी दी गई, लेकिन भारत पीछे नहीं हटा.
Russia Arms Supplies To India: दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियारों वाला देश रूस (Russia) जिन देशों को अपने हथियार बेचता है, उनमें भारत (India) पहले नंबर पर है. रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी ने यह दावा किया है. रूसी न्यूज एजेंसी के मुताबिक, भारत ने 5 साल में 1 लाख करोड़ रुपये के हथियार खरीदे. दोनों देशों के बीच हुए सौदे पर पश्चिमी देशों के दबाव का कोई असर नहीं पड़ा.
रूस की फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री टेक्निकल कॉर्पोरेशन के हेड डिमिट्री शुगायेव ने रविवार को हथियारों की बिक्री से जुड़ी रिपोर्ट जारी की. जिसमें बताया गया कि रूस से हथियार खरीदने में भारत पहले नंबर पर है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत के अलावा चीन और कई साउथ ईस्ट एशियन देशों ने रूस से हथियार खरीदने में अपनी दिलचस्पी कम नहीं की.
भारत ने अमेरिकी धमकी की नहीं की परवाह
गौरतलब हो कि अमेरिका ने अपने 'काटसा' कानून के तहत कई देशों को प्रतिबंधों की धमकी दी थी. अमेरिकी अधिकारियों ने भारत को भी कई बार यह चेतावनी दी थी कि वो रूस से हथियारों की खरीद न करे. काटसा यानी काउंटरिंग अमेरिकन एडवरसरीज थ्रू सैंक्शन एक्ट (CAATSA) अमेरिका का कानून है, इस कानून के तहत रूस जैसे देशों के साथ कारोबार करने वाले देशों व संगठनों पर अमेरिकी प्रतिबंध लगाया जाता है. अमेरिका ने इसी कानून के तहत एक प्रतिबंध तुर्किए पर तब लगाया था, जब तुर्किए ने रूस से एस-400 डिफेंस सिस्टम की डील की थी.
रूस के 20% हथियारों को भारत ने ही खरीदा
रूस की फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री टेक्निकल कॉर्पोरेशन की रिपोर्ट की मानें तो रूस के 20% हथियारों को भारत अकेला ही खरीद रहा है. यूक्रेन जंग के कारण रूस पर लगी पाबंदियों का भी भारत और रूस के बीच हुई हथियारों की डील पर असर नहीं पड़ा. रूसी एजेंसी के मुताबिक, पिछले 5 सालों में रूस ने करीब 13 बिलियन डॉलर यानी 1 लाख करोड़ रुपए के हथियार भारत को सप्लाई किए हैं.
रूसी एजेंसी की रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि इस दौरान भारत ने रूस से 10 अरब डॉलर के हथियार मांगे थे. भारत की ओर से रूसी एयर डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी में कोई देरी न करने की बात कही गई.
एस-400 के सौदे पर पीछे नहीं हटा भारत
भारत यूं तो अपने अधिकतर हथियार रूस से ही खरीदता है, लेकिन एस-400 की डील वो रक्षा सौदा थी, जब दुनिया ये मान रही थी कि अब अमेरिका भारत पर 'काटसा' (CAATSA) के तहत प्रतिबंध लगा सकता है. हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने कोई परवाह नहीं की. यह डील अपने समय पर ही पूरी हुई और एस-400 की यूनिट्स भारत पहुंच भी चुकी हैं. एक-दो सेट को यहां इंस्टॉल भी कर दिया गया है.
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