Vladimir Putin: यूक्रेन से जंग के बीच पुतिन का फैसला- यूरोपीय देशों को होने वाले तेल निर्यात पर बैन का आदेश
Russia Bans Oil Exports to EU: ईयू के वे देश जो रूस से खरीदे जाने वाले तेल पर प्राइस कैप लगाते हैं, उनको तेल निर्यात पर प्रतिबंध लगेगा. यह बात रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने एक आदेश पर हस्ताक्षर कर कही.
Russia EU Sanctions: यूक्रेन से टकराव के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) ने यूरोपीय संघ (EU) को लेकर बड़ा फैसला लिया है. पुतिन ने यूरोपीय संघ के देशों को तेल निर्यात (Oil Exports) पर प्रतिबंध लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जो मूल्य सीमा (Price Cap) निर्धारित करते हैं. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा कि मॉस्को यूरोपीय संघ (European Union) के देशों को तेल निर्यात पर प्रतिबंध लगाएगा जो उसके तेल पर प्राइस कैप लगाते हैं.
रूस का कहना है कि यूरोपीय संघ के वे देश जो रूस से खरीदे जाने वाले तेल पर प्राइस कैप लगाते हैं, उनको तेल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के एक डिक्री पर राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने हस्ताक्षर किए हैं. डिक्री के अनुसार, ये प्रतिबंध 1 फरवरी, 2023 से लागू होंगे. क्रेमलिन के बयान में कहा गया है, "रूसी सरकार का प्रतिबंध 1 फरवरी, 2023 को लागू होगा और 1 जुलाई, 2023 तक प्रभावी रहेगा." हालांकि, डिक्री में एक यह विकल्प भी शामिल है, जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को विशेष मामलों में प्रतिबंध को खत्म करने की अनुमति देता है.
G-7 देशों के जवाब में लिया कड़ा फैसला
बता दें कि, पुतिन ने इस महीने की शुरुआत में यह संकेत दिया था कि रूस तेल उत्पादन में कटौती कर सकता है और ऐसे किसी भी देश को तेल नहीं बेचेगा जो पश्चिमी देशों की प्राइस कैप को लागू करता है. पुतिन की यह प्रतिक्रिया G-7 देशों के बाद आई, जब इसी साल फरवरी में यूक्रेन पर हमला होने पर यूरोपीय संघ और ऑस्ट्रेलिया समुद्री रास्ते से रूस से आयात होने वाले कच्चे तेल पर 60 डॉलर प्रति बैरल प्राइस कैप पर सहमत हुए.
इसी साल की शुरुआत में यूक्रेन पर हुआ हमला
अमेरिका और यूरोपीय संघ से रूस का तनाव तब से चरम पर पहुंचा है, जब रूस ने इसी साल 24 फरवरी, 2022 को, पुतिन के आदेश पर यूक्रेन में एक "विशेष सैन्य अभियान" शुरू करने का एलान कर दिया. रूसी सरकार ने कहा था कि वह यूक्रेन से होने वाले संभावित खतरे को देखते हुए वहां एक जरूरी सैन्य अभियान शुरू कर रही है. उन्होंने यूक्रेन में विमुद्रीकरण और घातक हथियारों की खेप को नष्ट करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है.
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