(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सहयोगी देशों के आगे हाथ फैलाने को क्यों मजबूर है रूस?
Russia Weapons Shortage: रूस अपने सैन्य उपकरणों की जरूरतों को पूरा करने के लिए उन देशों से मदद ले रहा है जिन्हें कभी उसने हथियार बेचे थे.
Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन जंग तीसरे साल में प्रवेश कर गई है. दोनों देश अपने लगातार खत्म होते जखीरों से परेशान हैं. रूस ने तो हथियारों और उसमें इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के निर्माण को तेज भी कर दिया है.
इस बीच अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने दावा किया है कि रूस अपने सैन्य उपकरणों की जरूरतों को पूरा करने के लिए उन देशों से मदद ले रहा है जिन्हें कभी उसने हथियार बेचे थे. रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने अपनी हथियारों की जरूरतों को देखते हुए भारत और अर्मेनिया को हथियारों की सप्लाई रोक दी है.
'पाकिस्तान और ब्राजील से रूस ने मांगी मदद'
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि रूस ने पाकिस्तान से लगभग चार एमआईएम35 एम इंजन को वापस मांगे हैं. इसके अलावा रूस ने ब्राजील से 12 हेलिकॉप्टरों के इंजन वापस मांगे हैं, जिन्हें 2022 में सेवाओं से मुक्त कर दिया था. हालांकि ब्राजील के विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि ब्राजील ने रूस के इस मांग को ठुकरा दिया है. अधिकारी ने कहा है कि ब्राजील की नीति है कि किसी देश को जंग के बीच हथियार नहीं देता है इसलिए ब्राजील ने रूस की मांग को मानने से इनकार कर दिया.
मिस्र और बेलारूस को दिया प्रलोभन
पिछले साल अप्रैल में रूसी ने मिस्र से लगभग 100 से ज्यादा रूसी हेलीकॉप्टर वापस मांग लिए थे. मिस्र से तय किया था वह रूस को रॉकेट भेजने की योजना बनाई थी, हालांकि अमेरिकी प्रतिबंधों के खौफ की वजह से उसे ऐसा करने से रूकना पड़ा.
रूस ने मिस्र को कई तरह के प्रलोभन देने की कोशिश की ताकि वह हथियार दे सके. रूस ने मिस्र ने कहा है कि वह उसके सारे कर्ज माफ कर देगा इसके अलावा वह गेंहू की सप्लाई भी जारी रखेगा. रूस ने अपने पड़ोसी बेलारूस से छह एमआई-26 ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टरों के इंजनों को खरीदने की योजना बना रहा है, हालांकि ये हेलिकॉप्टर कभी रूस ने बेलारूस को बेचे थे.
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