Russia Ukraine Conflict: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को 10 महीने का समय हो चुका है. अमेरिका और अन्य देशों की तमाम कोशिशों के बाद भी रूस पीछे हटने को तैयार नहीं है. वह लगातार अमेरिका को धमका रहा है. इस बीच व्लादिमिर पुतिन के एक कदम ने अमेरिका की टेंशन और बढ़ा दी है. दरअसल, शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एक वर्चुअल मीटिंग हुई. इस बैठक ने अमेरिका की नींद उड़ा दी है. इसे लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका ने चिंता जताई है.
अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने इस बैठक के बाद कहा, ''बीजिंग यूक्रेन के मुद्दे पर बार-बार तटस्थ होने का दावा करता है लेकिन उसका व्यवहार स्पष्ट करता है कि वह अब भी रूस के साथ घनिष्ठ संबंधों में निवेश कर रहा है और वह यूक्रेन पर रूसी हमले का समर्थन करता है.''
जिनपिंग और पुतिन की बैठक में क्या हुआ?
बैठक में पुतिन ने सबसे पहले शी जिनपिंग के चीन में लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने पर बधाई दी. चीनी राष्ट्रपति ने अपनी बात के दौरान यह साफ किया कि एक-दूसरे को आर्मी सहायता पहुंचाई जाएगी. इससे पहले पुतिन और शी जिनपिंग की मुलाकात सितंबर के महीने में उज्बेकिस्तान में हुई थी. वीडियो कॉल के दौरान पुतिन ने शी जिनपिंग को डियर फ्रेंड कहते हुए पुकारा था.
जिनपिंग को दिया मॉस्को आने का न्योता
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने शी जिनपिंग को 2023 में स्प्रिंग सीजन के मौके पर मास्को आने के लिए न्योता दिया. दोनों नेताओं के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान व्लादिमिर पुतिन ने कहा कि रूस-चीन के संबंधों में और स्थिरता लाने की जरूरत है, जिसके लिए हम एक-दूसरे की मदद करेंगे. व्लादिमिर पुतिन ने यह भी कहा कि रूस चीन के तेल और गैस के प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में से एक है क्योंकि रूस ने 2022 के पहले 11 महीनों में पावर ऑफ साइबेरिया पाइपलाइन की मदद से चीन को करीब 13.8 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस भेजी. पिछले महीने रूस सऊदी अरब को पछाड़कर चीन का टॉप ऑयल सप्लायर बना था.
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