Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध पर दुनियाभर की नजरें बनी हुई हैं. रूस यूक्रेन पर हर रोज नए नए प्रयोग कर रहा है हालांकि अभी तक यूक्रेन रूस के सामने तनकर खड़ा है. अमेरिका भी यूक्रेन की मदद कर रहा है. इसी बीच काला सागर पर रूसी नौसेना की गतिविधियां तेज हो गई. इसे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कमांडर को ही बदल दिया. ऐसे में माना जा रहा है कि रूस कुछ बड़ा करने की फिराक में है.
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो रूसी जहाजों और पनडुब्बियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. ये जहाज और पनडुब्बियां रूसी नौसेना के अड्डे नोवोरोस्सिय्स्क से बाहर आई हैं और अब काला सागर की तरफ बढ़ चुकी हैं. क्रेच पुल के करीब स्थित यूक्रेन के नियंत्रण वाला तट है और मशहूर सेवस्तोपोल बेस के करीब है. काला सागर पर रूसी नौसेना की बढ़ती गतिविधियां सामान्य नहीं है. इसके पीछे बड़ा मैसेज छिपा हो सकता है. माना जा रहा है कि यह क्षेत्र में जारी ऑपरेशंस की तरफ इशारा करता है.
जानकारी की माने 11 जनवरी को रूसी नौसेना के जहाज और पनडुब्बियां नोवोरोस्सिय्स्क से रवाना हुई थीं. ये बेड़ा काला सागर में है. इसमें प्रोजेक्ट 11711 इवान ग्रेन क्लास की लैंडिंग शिप और योत्र मोरगुनोव शामिल है. यह काला सागर में सबसे बड़ा एम्फिबियस जहाज है. इस बेड़े में प्रोजेक्ट 636.3 इंप्रूव्ड किलो क्लास की पनडुब्बियां भी हैं. ये अभी इस समय बेस पर ही मौजूद हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक कुछ और वॉरशिप्स भी निकल चुकी हैं. बंदरगाह पर सिर्फ कुछ ही युद्धपोत और सपोर्ट जहाज बचे हैं.
रूस का कोई ऑपरेशन
रूसी नौसेना की गतिविधियों में आई बदलाव को किस स्पेशल ऑपरेशन के रूप में देखा जा रहा है. आखिरी बार इसी तरह की गतिविधियां उस समय देखी गई थीं जब रूस यूक्रेन के मिसाइल हमलों में निशाना बनाया था. विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यूक्रेन भी इस पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है.
युद्ध के बीच रूस ने बदला कमांडर
इसके साथ ही बता दें कि अब रूस की ओर से लड़ी जा रही जंग के नए कमांडर रूसी सेना के सबसे बड़े अधिकारी जनरल वालेरी गेरासिमोव होंगे, जो रूस के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ हैं. वालरी गेरासिमोव साल 2012 से इस पद पर हैं. वो अब सर्गेई सुरोविकिन की जगह यूक्रेन जंग की पूरी जिम्मेदारी लेंगे. सुरोविकिन पिछले तीन महीनों से यूक्रेन जंग का नेतृत्व कर रहे थे. लेकिन उनके नेतृत्व में यूक्रेन की सेहत पर बहुत फर्क नहीं दिखा जिसके बाद पुतिन ने यह फैसला लिया है.
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