यूक्रेन पर रूस के हमले का आज 11वां दिन है. दोनों ही देशों के बीच सोमवार को तीसरे दौर की बातचीत होनी है. दोनों ही देशों में से कोई भी एक पक्ष झुकने को तैयार नहीं है. एक तरफ जहां रूस ये दावा कर रहा है कि उसने यूक्रेन की सेना के ढ़ांचे की कमर तोड़ दी है वहीं यूक्रेन का दावा है कि उसके 1 लाख से अधिक लोग यूक्रेनियन प्रादेशिक रक्षा बलों में शामिल हुये हैं.
यूक्रेन के नेशनल गार्ड के अनुसार, जब से रूस ने यूक्रेन के खिलाफ अपना चौतरफा युद्ध शुरू किया है, तब से 100,000 यूक्रेनियन सशस्त्र बलों की नव स्थापित स्वयंसेवी शाखा में शामिल हो गए हैं. वहीं अब तक चले इस युद्ध पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन शनिवार को कहा है कि हम ऑपरेशन का लक्ष्य पूरा करके रहेंगे. उन्होंने कहा कि हम यूक्रेन का सैन्य ढ़ांचा तबाह कर चुके हैं.
3000 अमेरिकी स्वंयसेवक रूस के खिलाफ उतरेंगे जंग में
3,000 अमेरिकी स्वयंसेवकों ने एक अंतरराष्ट्रीय बटालियन में लोगों की सेवा करने के लिए यूक्रेन के आह्वान का जवाब दिया है जो रूस के चौतरफा आक्रमण का विरोध करने में मदद करेगा. यूक्रेन के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ ने कहा कि रूस के खिलाफ लड़ने के इच्छुक लोग यूक्रेनी दूतावास में जाकर आवेदन कर सकते हैं.
यूक्रेन डानबास लौटाये तो होगी शांति
राष्ट्रपति पुतिन ने ये भी कहा कि यूक्रेन अगर डानबास लौटा दे तो शांति होगी. पुतिन ने यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान के फैसले को मुश्किल बताते हुए कहा कि रूस यूक्रेन में संघर्ष को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की कोशिश कर रहा था. डोनबास को रूसी बोलने और अपने तरीके से जीने की इजाजत देना जरूरी था, लेकिन वहां पर नाकाबंदी कर दी गई.
यूक्रेन पर हमला बचा था अंतिम विकल्प
पुतिन ने कहा कि 2014 से अब तक डानबास में 13 से 14 हजार लोग मारे गए हैं, लेकिन पश्चिमी देशों ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया. पुतिन ने उन दावों को बेतुका बताया, जिसमें कहा जा रहा है कि रूस मिन्स्क समझौतों को पूरा नहीं कर रहा है. पुतिन ने कहा रूस ने यूक्रेन संघर्ष को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने की कोशिश की.
यूक्रेन को विश्व राजनीति में तटस्थ रहना है जरूरी
डानबास के लोगों को रूसी बोलने और अपना जीवन जीने देना जरूरी था. पुतिन ने कहा कि यूक्रेनी पक्ष ने 6,000 से अधिक विदेशी नागरिकों को बंधक बना रखा है, साथ ही यूक्रेन अपने नागरिकों के साथ और बुरा व्यवहार करता है. पुतिन ने कहा कि यूक्रेन की तटस्थ स्थिति की जरूरत है, जिससे ये देश नाटो में शामिल न हो.