Russia-UK: रूस ने ब्रिटिश नौसेना पर लगाया गैस पाइपलाइनों पर 'आतंकवादी हमले' का आरोप, UK ने बताया झूठ
Russia Alleged Britain: रूस के रक्षा मंत्रालय ने ब्रिटिश नौसेना पर बाल्टिक सागर में नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइनों पर आतंकवादी हमले का बड़ा आरोप लगाया है. ब्रिटेन ने इसे रूस का झूठ करार दिया है.
Russia Alleged Britain: रूस ने ब्रिटिश नौसेना पर नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइनों पर "आतंकवादी हमले" का आरोप लगाया है. रूस के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि ब्रिटिश नौसेना इकाई के प्रतिनिधियों ने बाल्टिक सागर में नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइनों को उड़ा दिया. वे इस घटना को 'आतंकवादी हमला' बता रहे हैं. रूस ने ये आरोप सीधे तौर पर नाटो के एक प्रमुख सदस्य पर लगाया है, जिसमें महत्वपूर्ण रूसी बुनियादी ढांचे में तोड़फोड़ करने का आरोप है. इस पर ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने हमलों पर रूस के 'झूठे दावों' की निंदा की.
रूस के रक्षा मंत्रालय ने ये आरोप तो लगाया है, लेकिन अपने इस दावे के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया है. जानकारी के अनुसार, मंत्रालय ने कहा कि, ब्रिटिश नौसेना की इस इकाई के प्रतिनिधियों ने इस साल 26 सितंबर को बाल्टिक सागर में एक आतंकवादी हमले की योजना, प्रावधान और कार्यान्वयन में भाग लिया था और नॉर्ड स्ट्रीम 1 और नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइनों को उड़ा दिया. "
रूस ने कहा-अमेरिका परमाणु हमले की तैयारी कर रहा है
वहीं, रूस का कहना है कि अमेरिका यूरोप में नए बमों के साथ परमाणु हमले की भी तैयारी कर रहा है. रूस ने शनिवार को कहा कि यूरोप में नाटो के ठिकानों पर आधुनिक अमेरिकी B61 सामरिक परमाणु हथियारों की तैनाती की जा रही है जो परमाणु हमले की चिंता पैदा कर रहा है. लेकिन रूस भी इस पर लगातार नजर रख रहा है और वह भी अपनी सैन्य योजना में इस कदम को ध्यान में रखेगा.
इस हफ्ते की शुरुआत में, पोलिटिको ने बताया कि अमेरिका ने नाटो बैठक में बताया था कि वह दिसंबर में यूरोपीय ठिकानों पर नए हथियारों के आने के साथ बी61, बी61-12 के आधुनिक संस्करण की तैनाती में तेजी लाएगा.
रूसी उप विदेश मंत्री बोले-हम हर तरफ नजर रख रहे हैं
रूस के उप विदेश मंत्री, अलेक्जेंडर ग्रुस्को ने राज्य आरआईए समाचार एजेंसी को बताया, "हम अमेरिका के परमाणु हथियारों के आधुनिकीकरण की योजना को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं, जो कि यूरोप में फ्री-फॉल बम हो सकते हैं. अमेरिका उनका आधुनिकीकरण कर रहा है, उनकी सटीकता बढ़ा रहा है और परमाणु चार्ज की शक्ति को कम कर रहा है, यानी वे इन हथियारों को 'युद्धक्षेत्र हथियारों' में बदल सकते हैं."
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