पहले सस्ता तेल, फिर डायरेक्ट फ्लाइट और अब ब्रिक्स सम्मेलन की सदस्यता... भारत के दुश्मन पाकिस्तान के साथ रूस की बढ़ रहीं नजदीकियां
रूस में पाकिस्तान के राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली ने आशा जताई कि रूस और पाकिस्तान के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू होने से लोगों के बीच घनिष्ठ संबंध बनेंगे और व्यापारिक संबंध भी मजबूत होंगे.
रूस और पाकिस्तान के बढ़ती दोस्ती ने भारत की टेंशन बढ़ा दी है. एक तरफ पाकिस्तान ब्रिक्स संगठन में शामिल होने के लिए कोशिश कर रहा है और इस बीच उसने रूस के साथ सीधी फ्लाइट शुरू करने की भी घोषणा कर दी है. रूस में पाकिस्तान के राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली ने बताया कि दोनों देश फ्लाइट शुरू करने के लिए काम कर रहे हैं.
दोनों देशों के बीच फ्लाइट शुरू होने के महत्व पर जोर देते हुए मोहम्मद खालिद जमाली ने कहा कि दोनों तरफ के लोगों के बीच संपर्क होना बहुत जरूरी है. जमाली ने आशा जताई कि रूस और पाकिस्तान के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू होने से लोगों के बीच घनिष्ठ संबंध बनेंगे और व्यापारिक संबंध भी मजबूत होंगे. पाकिस्तान का कहना है कि सीधी उड़ानें शुरू करके वह पर्यटन को बढ़ावा देना चाहता है ताकि विदेशी पर्यटकों की संख्या यहां बढ़ाई जा सके.
क्यों बंद करनी पड़ी थीं उडानें
जमाली का यह भी कहना है कि पहले पाकिस्तान और रूस के बीच सीधी उडानें चलते थीं, लेकिन उस वक्त पाक एयरलाइन कंपनियों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा और ये फ्लाइट बंद करनी पड़ीं. उन्होंने कहा कि सीधी उडानों की वजह से पाकिस्तान आने वाले रूसी पर्यटकों की संख्या भी बढ़ गई थी. उन्होंने जोर देते हुए कहा, 'पाकिस्तान एक सुरक्षित देश है और यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने काम किया है. हमें इस दिशा में काम करते रहने की जरूरत है तभी हम विदेशी पर्यटकों में वृद्धि करने में सफल हो सकेंगे.'
ब्रिक्स में शामिल होने के लिए पाकिस्तान ने किया आवेदन
पाकिस्तान ने दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट की घोषणा ऐसे समय पर की है, जब वह अंतरराष्ट्रीय संगठन ब्रिक्स का हिस्सा बनने की फिराक में है. अगले साल रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा और उम्मीद है कि इस बैठक में कुछ और देश भी इसके सदस्य बनेंगे.
रूस के उपविदेश मंत्री सर्गेइ रायबकोव ने अक्टूबर में कहा था कि साल 2024 में कजान में होने जा रहे ब्रिक्स सम्मेलन से पहले नए सदस्यों के नाम की सूची तैयार करने की योजना है. ऐसे में पाकिस्तान भी कोशिश कर रहा है कि वह नए सदस्यसों में शामिल हो जाए. रूस में पाकिस्तान के राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली ने कहा कि पाकिस्तान ने ब्रिक्स के सदस्य देशों में शामिल होने के लिए आवेदन किया है और वह सदस्यता पाने के लिए रूस का समर्थन चाहता है. उन्होंने उम्मीद भी जताई है कि पाकिस्तान को समूह की सदस्यता मिल सकती है. जमाली ने यह भी बताया कि ब्रिक्स की सदस्यता पाने के लिए सदस्य देशों के साथ भी पाकिस्तान बात कर रहा है.
कैसे मजबूत हो रहे रूस और पाकिस्तान के रिश्ते
यूक्रेन और रूस के बीच 24 फरवरी, 2022 को युद्ध शुरू हुआ था, जो अभी भी जारी है. युद्ध के कारण रूस के साथ पाकिस्तान की संबंधों में उल्लेखनीय विकास देखा गया है. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़ा बदलाव तब देखने को मिला जब जून 2023 में 100,000 टन में से 45,000 टन रूसी कच्चे तेल की शुरुआती खेप कराची बंदरगाह पहुंची. दो प्रमुख कारणों से यह लेनदेन काफी महत्वपूर्ण था. एक तो यह कि मॉस्को पर पश्चिमी प्रतिबंध लगाए जाने के बाद रूसी कच्चे तेल की पहली डिलीवरी पाकिस्तान को हुई थी और दूसरा प्रमुख कारण यह था कि तेल के लिए रूस और पाकिस्तान के चीनी युआन का इस्तेमाल किया गया और पारंपरिक मुद्रा डॉलर का उपयोग नहीं हुआ.
क्या मदद कर रहा चीन?
राजनीतिक और आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को सम्मेलन में शामिल करने के लिए चीन लॉबी कर रहा है. इसके लिए वह रूस जैसे देशों से समर्थन भी मांग रहा है. इस तरह वह संगठन में अपनी ताकत बढ़ाना चाहता है. ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका- पांच देशों का संगठन है ब्रिक्स. ब्रिक्स समूह का गठन साल 2010 में हुआ था. पिछले साल अक्टूबर में दक्षिण अफ्रीका में सम्मेलन हुआ था, जिसमें मिस्त्र, अर्जेंटीना, इथोपिया, सऊदी अरब और यूएई को शामिल होने के लिए न्यौता दिया गया था. 1 जनवरी, 2024 को ये देश ब्रिक्स के सदस्य देश बन जाएंगे.