Russia Anti-Satellite System: अमेरिका के ह्वाइट हाउस ने इस बात की पुष्टि की है कि रूस ऐसे हथियारों को बना रहा है, जो स्पेस में सेटेलाइट सिस्टम को ध्वस्त कर सकता है. अमेरिका ने रूस की ऐसी खोज को परेशान करने वाला बताया है. ह्वाइट हाउस के नेशनल सिक्योरिटी कम्युनिकेशन एडवाइजर जॉन किर्बी ने कहा अमेरिका रूस की इस गतिविधि पर बारीकी से नजर रख रहा है. 


गुरुवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जॉन किर्बी ने कहा रूस स्पेस सेटेलाइट सिस्टम को नष्ट करने वाले परामाणु हथियार बनाने पर काम कर रहा है, रूस की इस योजना पर अमेरिका गंभीता से निगरानी रखेगा. जॉन किर्बी ने कहा मैं शुरुआत में ही स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि खुफिया रिपोर्ट में इन बातों की जानकारी दी गई है, जिससे साफ हो जाता है कि यह "रूस की एंटी-सेटेलाइट क्षमता" से संबंधित है.


रूस के नए न्यूक्लियर हथियार से अमेरिका को कितना खतरा ?
न्यूयॉर्क टाइम की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सेना रूस के एंटी-सेटेलाइट हथियारों का मुकाबला नहीं कर सकती है, न ही अपने उपग्रहों की रक्षा कर सकती है. रूस अभी इस योजना पर काम ही कर रहा है. उसने ऐसे हथियार बना लिया है, ऐसी जानकारी नहीं है. अमेरिका ने कहा फिलहाल, अभी रूस के इस अभियान से कोई खतरा नहीं है, लेकिन यह परेशान करने वाला जरूर है. 


रूस कब बनाना शुरू किया एंटी-सेटेलाइट सिस्टम ?
अमेरिका के राष्ट्रीय संचार सुरक्षा सलाहकार जॉन किर्बी ने कहा कि रूस का अभियान जमीन पर हमला करने से जुड़ा नहीं है. इस एंटी-सेटेलाइट न्यूक्लियर हथियारों से जमीन पर कोई खतरा नहीं है, लेकिन यह सेटेलाइट सिस्टम को नष्ट करने में सक्षम होगा. एक सवाल के जवाब में किर्बी ने कहा रूस इस तरह का काम कब से कर रहा है, इसकी कोई पुख्ता जानकारी तो नहीं है, लेकिन रूस का यह महीनों पुराना अभियान है. उन्होंने कहा रूस की इस गतिविधि को सार्वजनिक करने से ज्यादा जरूरी है कि इस पर प्रभावी कदम उठाए जाएं.


जॉन किर्बी ने कहा कि पूरे मामले को लेकर राष्ट्रपति जो बाइडेन को अवगत करा दिया गया है. जो बाइडेन ने ऐसी टीम का गठन किया है, जो रूस के अभियान पर नजर रखेगी. टीम रूस के राजनयिकों से भी इस बारे में चर्चा करेगी. वहीं अमेरिका के कुछ सांसदों ने रूस के इस अभियान को जो बाइडेन से सार्वजनिक करने की मांग की है. 


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