Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच का युद्ध बढ़ता चला जा रहा है. हर तरफ अब चार यूक्रेनी क्षेत्रों में कब्जे को लेकर रूस की निंदा हो रही हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव का पास होना इस बात को साफ करता है कि अब रूस कैसे अलग-थलग पड़ गया है. 206 में से 143 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. केवल पांच देश ऐसे थे, जिन्होंने इसके खिलाफ मतदान किया. वहीं, भारत समेत 35 देश इस प्रस्ताव से पूरी तरह दूर रहे.
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में वोटिंग के दौरान केवल पांच ही देश ऐसे थे जिन्होंने रूस का साथ दिया. यूक्रेन के क्षेत्रों पर कब्जा करने के बाद कई देश रूस के खिलाफ होते नजर आ रहे हैं. रूस भले ही अपनी ताकत से यूक्रेन पर कब्जा कर रहा हो, लेकिन इन सबके बीच अब वह अकेला पड़ता भी नजर आ रहा है.
युद्ध के बीच अकेला पड़ जाएगा रूस
दो देशों में जब युद्ध होता है तो पड़ोसी देशों और अन्य देशों का साथ होना भी काफी मायने रखता है. रूस अपनी गलतियों की वजह से कई देशों का साथ अपने रिश्तों को खराब कर रहे हैं. यहां तक की रूस के साथ घनिष्ठ संबंध रखने वाले देश भारत ने भी संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में रूस का साथ देने से बेहतर खुद को इससे दूर रखना समझा.
अमेरिका ने की प्रस्ताव की तारीफ
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी रूस के खिलाफ लाए गए इस प्रस्ताव की सराहना की और रूस को चेतावनी देते हुए कहा कि रूस बल की मदद से किसी देश की सीमाओं को नहीं बदल सकता है और न ही दूसरे देश के क्षेत्र को जब्त कर सकता है. जो बाइडन लगातार रूस के खिलाफ बयान जारी कर रहे हैं.
रूस लगातार कर रहा हमले
यूक्रेन और रूस के बीच अब युद्ध पहले से भी ज्यादा तेज होता दिख रहा है. (12 अक्टूबर) को भी रूसी सेना ने यूक्रेन के अवदिवका (Avdiivka) में हमला किया था. इस हमले में सात लोगों की मौत हो गई और आठ अन्य जख्मी हो गए. जब रूस की तरफ से छोड़ी गई मिसाइल सेंट्रल मार्केट में आकर गिरी तो काफी लोग यहां मौजूद थे. रूस ने सोमवार (10 अक्टूबर) को भी यूक्रेन पर मिसाइल हमला किया था.
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