Vladimir Putin Drone Strike: दुनिया के सबसे बड़े देश रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) के घर पर ड्रोन से हमले की कोशिश की गई. हालांकि, रूस ने दावा किया है कि उसकी डिफेंस फोर्सेस ने ड्रोन को मार गिराया और कोई नुकसान नहीं हुआ. रूसी सरकार ने यह भी कहा है कि ये ड्रोन अटैक यूक्रेन (Ukraine) की ओर से किया गया एक "आतंकी हमला" था और इस हमले का अब अपने ढंग से उचित जवाब दिया जाएगा.
बुधवार (3 मई) की रात की इस घटना के बाद रूस और यू्क्रेन में तनाव चरम पर पहुंच गया है. रूस ने इस हमले को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हत्या का प्रयास बताया है. रूस ने ऐलान किया है कि वह इस हमले का बदला जरूर लेगा. वहीं, यूक्रेन ने अभी तक कथित ड्रोन हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है और उसने इसे रूसी सरकार का प्रोपेगैंडा बताया है. यूक्रेन की सरकार का कहना है कि उन्होंने मॉस्को में कोई ड्रोन नहीं भेजे. जेलेंस्की सरकार के मंत्री ने कहा कि क्रेमलिन पर ड्रोन हमले की साजिश के रूस के आरोप एक प्रोपेगैंडा हैं.
दुनियाभर में चर्चा, लोग मान रहे यूक्रेन के पास नहीं क्षमता
वहीं, रूस की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली जगह क्रेमलिन पर यूक्रेनी ड्रोन हमले के दावे पर अब सवाल उठ रहे हैं. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कहा कि यूक्रेन के पास इतनी क्षमता नहीं है कि वह रूस की राजधानी मॉस्को के अंदर क्रेमलिन पर हमला कर सके. कुछ लोगों का यह भी कहना है कि क्रेमलिन पर हमला यूक्रेन के लिए आत्मघाती कदम होगा. ऐसे में यूक्रेन कभी नहीं चाहेगा कि वह सीधे-सीधे पुतिन को चुनौती दे. उधर, रूस ने इस "ड्रोन हमले" का बदला लेने की बात कही है. वहीं, यूक्रेन ने साफ कहा है कि इसमें हमारा हाथ नहीं है. ऐसे में ये सवाल भी उठ रहा है कि क्रेमलिन पर ड्रोन हमला कहीं रूस का फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन तो नहीं है.
फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन से बड़ा गेम खेल रहे पुतिन?
फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन एक ऐसी सैन्य कार्रवाई होती है, जहां एक देश चोरी-छिपे, जानबूझकर अपनी संपत्ति, आम लोग या सैनिकों के ऊपर हमला करता है और दुनिया के सामने यह जाहिर करता है कि ये हमला उसके दुश्मन देश ने किया है. इसकी आड़ में उस देश को दुश्मन देश पर हमला करने का बहाना मिल जाता है. रूस के क्रेमलिन की घटना को इसी रूप में देखा जा रहा है. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कहा कि ये रूस का फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन था, क्योंकि रूस 1 साल से भी ज्यादा समय से यूक्रेन से जंग में उलझा हुआ है. इसकी रूस को भारी कीमत चुकानी पड़ी है. ऐसे में रूस ने जंग को जल्द से जल्द खत्म करने के लिए इस तरह की कार्रवाई का सहारा लिया है ताकि वो वहां तबाही मचाकर यूक्रेन को झुका सके और दुनिया भी ये मान ले कि रूस ने ये सब तब किया जबकि उसके राष्ट्रपति को मारने की कोशिश की गई थी.
परमाणु हमले की दे चुके हैं धमकी
बता दें कि कई बार पश्चिमी देशों ने ये कहा भी है कि रूस जंग जीतने के लिए कोई ऐसा बहाना ढूंढ रहा है ताकि वो यूक्रेन में तबाही मचाकर उससे हथियार डलवा सके. वहीं, कई देशों के रक्षा-अधिकारियों ने यह भी कहा है कि इसके बहाने रूस यूक्रेन पर परमाणु हमला भी कर सकता है.
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