Classified Military Satellite: रूस ने अंतरिक्ष में लॉन्च की अपनी क्लासीफाइड मिलिट्री सैटेलाइट, हो सकती है मिसाइल रोधी प्रणाली से लैस
Russia's missile warning system: 2019 में कुपोल को बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रक्षेपण का पता लगाने और उनके लैंडिंग साइट को ट्रैक करने के लिए डिज़ाइन किया गया था.
Russia's Missile Warning System: रूस ने गुरुवार को सफलतापूर्वक एक क्लासिफाइड सैन्य सैटेलाइट को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किया है. इस सैटेलाइट को क्रेमलिन की प्रारंभिक चेतावनी मिसाइल रोधी प्रणाली का हिस्सा माना जाता है. रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया, “गुरुवार की सुबह उत्तरी रूस के उपग्रह लॉंचिंग पोर्ट प्लेसेट्स्क कॉस्मोड्रोम (Plesetsk cosmodrome) से सोयुज नाम का रॉकेट अंतरिक्ष के लिए ऑफ हुआ था. यह सोयुज रॉकेट एक क्लासिफाइड पेलोड लेकर जा रहा था.” उन्होंने एक समाचार एजेंसी को जानकारी देते हुए बताया, यह रॉकेट 0109 जीएमटी पर अंतरिक्ष की कक्षा में एक सैन्य सैटेलाइट स्थापित करने के लिए उड़ा था.
इससे अधिक कोई भी जानकारी रक्षा मंत्रालय द्वारा साझा नहीं की गई है. इंटरफेक्स के अनुसार इससे पहले रूस ने अंतरिक्ष में तुंद्रा सैटेलाइट क्रमश: 2015, 2017 व 2019 में लॉन्च की थी. रूसी स्पेस विशेषज्ञों ने गुरुवार को हुए इस सैटेलाइट लांच को इससे पहले लांच हुए मिसाइल चेतावनी प्रणाली के अन्य मिशनों जिनका नाम कुपोल या डोम था के मिशन से मेल खाता हुआ बताया था.
2019 में कुपोल को बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रक्षेपण का पता लगाने और उनके लैंडिंग साइट को ट्रैक करने के लिए डिज़ाइन किया गया था. फिर भी इसके स्पेसिफाइड क्वालिटिज के बारे में काफी कम जानकारी उपलब्ध है. 2018 में USA ने Russia पर ऐंटी सैटेलाइट हथियार बनाने का संदेह जताया था. यूएस ने बयान जारी करते हुए रूस के इन प्रयासों को अंतरिक्ष में बहुत ही ‘असामान्य व्यवहार’ बताया था. रूस ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इन आरोपों को ‘निराधार आरोप’ बताया था.
पिछले हफ्ते, रूस को अंतर्राष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पडा था जब उसके ऊपर अंतरिक्ष में संभावित ऐंटी सैटेलाइट हथियार के परिक्षण की वजह से डेब्रिस इंवेट जैसी घटना पैदा हो गई थी. जिस वजह से अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में मौजूद वैज्ञानिकों को आपातकालीन शेल्टर लेना पड़ गया था.
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