क्या है टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन, रूस पहली बार परमाणु बम के साथ करेगा सैन्य अभ्यास, दहशत में कई देश
Russia Nuclear Exercises: रूस ने पिछले साल ही अपने कुछ सामरिक परमाणु हथियारों को बेलारूस में ट्रांसफर कर दिया था. यह देश नाटो के सदस्य पोलैंड, लातविया और लिथुआनिया का पड़ोसी है.
Russia Nuclear Exercises: रूस के रक्षा मंत्रालय ने सामरिक परमाणु हथियारों यानी टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन के साथ सैन्य अभ्यास करने का एलान किया है. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि यूक्रेन युद्ध को लेकर कुछ पश्चिमी अधिकारियों ने भड़काऊ बयान दिए हैं, जिसके बाद रूस ने परमाणु हथियारों के साथ सैन्य अभ्यास करने का निर्णय लिया है. यह आदेश खुद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दिया है. बताया जाता है कि रूस पहले स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर वेपन से सैन्य अभ्यास करता रहा है, लेकिन यह पहली बार है जब रूस ने टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन के साथ सैन्य अभ्यास की घोषणा की है.
विशेषज्ञों का मानना है कि रूस के टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन के साथ सैन्य अभ्यास करने की घोषणा के पीछे राजनीतिक संदेश छुपा है. विशेषज्ञों ने बताया कि सामरिक हथियार युद्ध के मैदान में सैनिकों के खिलाफ उपयोग किए जा सकते हैं. इनकी क्षमता एक किलो टन जितनी कम की जा सकती है. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा पर गिराया गया अमेरिकी बम 15 किलो टन का था. युद्ध क्षेत्र के लिए ये परमाणु हथियार, मिसाइल, तोप और हवाई बम के लिए काफी छोटे बनाए जा सकते हैं. छोटा होने की वजह से इनका इस्तेमाल काफी आसान हो जाता है. इनको आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है.
सामरिक हथियारों पर नहीं है नियंत्रण
इसके अलावा स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर वेपन मास्को और वाशिंगटन के बीच हथियार नियंत्रण समझौतों के अधीन हैं, जबकि सामरिक हथियारों में पर कोई पाबंदी नहीं है. ऐसे में इसका इस्तेमाल करना आसान है. रूस के पास कितने सामरिक हथियार हैं, इसके बारे में रूस ने कभी जानकारी नहीं दी है. फरवरी 2022 से ही पुतिन परमाणु हथियार के प्रयोग की धमकी देते आ रहे हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध में पश्चिमी ताकतों के हस्तक्षेप से पुतिन कई बार चिढ़ चुके हैं. अब एक बार फिर उन्होंने बगैर नाम लिए नाटो देशों को चेतावनी दी है.
रूस के निशाने पर नाटो देश
रूस ने पिछले साल ही अपने कुछ सामरिक परमाणु हथियारों को बेलारूस में ट्रांसफर कर दिया था. यह देश नाटो के सदस्य पोलैंड, लातविया और लिथुआनिया का पड़ोसी है. बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको लंबे समय से बेलारूस में परमाणु हथियारों की तैनाती की मांग कर रहे थे. रूस का बेलारूस के साथ मजबूत संबंध है, रूस लगातार यूक्रेन युद्ध के दौरान बेलारूस का मंच के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. व्लादिमीर पुतिन और लुकाशेंको दोनों नेताओं ने बेलारूस में परमाणु हथियारों की तैनाती को पश्चिमी देशों से निपटने के लिए बताया है. बेलारूस की यूक्रेन के साथ 1,084 किलोमीटर की सीमा है. ऐसे में रूस सामरिक परमाणु हथियारों की तैनाती बेलारूस में कर रहा है, जिससे अब नाटो देश रूस के निशाने पर आ गए हैं.
यह भी पढ़ेंः जेलेंस्की की हत्या की साजिश नाकाम, यूक्रेन के दो अधिकारी गिरफ्तार, रूस ने बनाया था प्लान