Russia Luna-25 Crash: रूस के मिशन मून को बड़ा झटका लगा है. रूस का लूना-25 चांद (Moon) की सतह पर उतरने से पहले क्रैश हो गया. रूसी स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscosmos) ने रविवार (20 अगस्त) को इस बात की पुष्टि की है. रूस ने करीब 50 सालों के बाद चांद पर जाने का मिशन लॉन्च किया था. 


लूना-25 को सोमवार (21 अगस्त) को चांद पर लैंडिंग करनी थी, लेकिन लैंडिंग से पहले ही ये दुर्घटनाग्रस्त हो गया. रोस्कोस्मोस के अनुसार, शनिवार को स्थानीय समयानुसार दोपहर 2:57 बजे लूना-25 के साथ अचानक संपर्क टूट गया था. जिससे इसकी लैंडिंग को लेकर संशय पैदा हो गया था. 


ठीक से नहीं बदल पाया ऑर्बिट 


रूसी स्पेस एजेंसी ने अपने प्रारंभिक निष्कर्षों में बताया है कि ये ऑर्बिट बदलते समय आसामान्य स्थिति आ गया और इस वजह से ठीक ढंग से ऑर्बिट बदल नहीं सका. एनडीटीवी के अनुसार, स्पेस एजेंसी ने कहा कि लूना-25 एक अप्रत्याशित ऑर्बिट में चला गया था और चंद्रमा की सतह के साथ टकराव के कारण ये क्रैश हो गया. 


रूसी स्पेस एजेंसी ने कही जांच की बात


एजेंसी ने कहा कि प्री-लैंडिंग के लिए ऑर्बिट में भेजने के लिए थ्रस्ट जारी किया गया था. तभी ऑटोमैटिक स्टेशन पर इमरजेंसी हालात पैदा हुए और मिशन का मैन्यूवर पूरा नहीं हो पाया. रोस्कोस्मोस ने इस मामले की जांच के लिए आयोग गठित करने की भी बात कही है. जून में रोस्कोस्मोस के प्रमुख यूरी बोरिसोव ने इस मिशन के जोखिमों को स्वीकार करते हुए सफलता की लगभग 70 प्रतिशत संभावना का अनुमान लगाया था. 


दक्षिणी ध्रुव पर करनी थी सॉफ्ट लैंडिंग


रूसी मीडिया के अनुसार, लूना-25 को 11 अगस्त को लॉन्च किया गया था. 800 किलोग्राम वजनी लूना-25 यान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी जहां अभी तक कोई नहीं पहुंचा है. इसे चांद की सतह पर एक साल तक मिट्टी के नमूने एकत्र करने, पानी की खोज जैसे काम करने थे. 


चंद्रयान-3 की 23 अगस्त को होगी लैंडिंग


इसी बीच रविवार को भारत के चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) को कक्षा में थोड़ा और नीचे सफलतापूर्वक पहुंचा दिया. इसके अब 23 अगस्त को शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की उम्मीद है. चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था.


ये भी पढ़ें- 


चीन वाले कमेंट पर चिराग पासवान की राहुल गांधी को नसीहत- 'बिना सबूत कुछ कहने से...'