Russia On G20: जी-20 में पश्चिमी देशों के रवैये पर बरसा रूस, भारत की रचनात्मक भूमिका की तारीफ
G20 Meeting: रूस के विदेश मंत्रालय (Russian Foreign Ministry) ने आरोप लगाया कि पश्चिमी देश एकजुट होकर जी-20 की गतिविधियों को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं.
Russia Praises India: बेंगलुरु में जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक बिना कोई बयान जारी किए खत्म हो गई. इस बीच रूस ने पश्चिमी देशों पर जमकर हमला बोला है. रूस ने जी-7 देशों और अमेरिका को खरी खोंटी सुनाई है. रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्हें अफसोस है कि पश्चिम की ओर से एकजुट होकर जी-20 की गतिविधियों को अस्थिर किया जा रहा है. हालांकि रूसी विदेश मंत्रालय (Russian Foreign Ministry) ने एक बयान में भारत (India) की अध्यक्षता की रचनात्मक भूमिका की तारीफ की.
जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नरों की बैठक शनिवार (25 फरवरी) को बिना किसी संयुक्त बयान जारी किए ही समाप्त हो गई, क्योंकि रूस और चीन इसे लेकर सहमत नहीं हुए. रूसी विदेश मंत्रालय ने भारत की जी-20 में अध्यक्षता की रचनात्मक भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि उसने सभी देशों के हितों और रवैये को लेकर निष्पक्ष विचार करने की कोशिश की. इस संदर्भ में भारत ने संतुलित दृष्टिकोण अपनाया, जो वित्त और संबंधित क्षेत्रों में आधुनिक चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर नींव तैयार करता है, जिसमें आर्थिक और सतत विकास लक्ष्यों का कार्यान्वयन करने के लिए समर्थन हासिल है.
पश्चिमी देशों के रूख पर बरसा रूस
रूसी विदेश मंत्रालय की ओर से बयान में कहा गया है, 'हमें अफसोस है कि पश्चिम की ओर से एकजुट होकर जी-20 की गतिविधियों को अस्थिर करने की कोशिश हो रही है.' रूस ने आरोप लगाया कि उनके विरोधी खास तौर पर अमेरिका, यूरोपीय संघ और जी-7 उन्हें अलग-थलग करने की कोशिश में है. साथ ही अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था के क्षेत्र की समस्याओं के लिए मास्को पर दोष मढ़ने का प्रयास किया जा रहा है.
यूक्रेन पर रूस ने क्या कहा
रूसी विदेश मंत्रालय ने पश्चिमी देशों पर यूक्रेन की स्थिति को लेकर बेतुकी धारणाओं को उछालने का भी आरोप लगाया. रूस ने कहा कि बैठक के परिणामों को कभी भी सहमति का दर्जा नहीं मिला और इसे केवल अध्यक्ष के एक बयान के रूप में जारी किया गया. रूस यूक्रेन का कोई उल्लेख नहीं चाहता था क्योंकि उसका मानना है कि जी-20 को एक आर्थिक मंच बना रहना चाहिए और सुरक्षा क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.
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