Russia: रूस के नामी जेनेटिक इंस्टिट्यूट के चीफ का दावा- पहले लोग 900 वर्ष तक जिंदा रहते थे, लेकिन इस वजह से कम हुई उम्र
Russia News: रूसी मंत्रालय ने कार्रवाई के बाद अपनी रिपोर्ट में अलेक्जेंडर कुद्रियावत्सेव को बर्खास्त करने का कोई कारण नहीं बताया है, लेकिन रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च ने इसे धार्मिक भेदभाव बताया है.
Russia Latest News: रूस में इन दिनों एक खबर पर काफी चर्चा हो रही है. दरअसल, रूसी सरकार ने अपने एक नामी जेनेटिक इंस्टिट्यूट के चीफ को उसके अजीबोगरीब बयान की वजह से बर्खास्त कर दिया है. यह कार्रवाई रूस के विज्ञान और उच्च शिक्षा मंत्रालय की ओर से की गई है. बताया जा रहा है कि जेनेटिक इंस्टिट्यूट के चीफ ने यह कहा था कि पहले मनुष्य सदियों तक जीवित रहते थे, लेकिन अब आधुनिक मनुष्यों का जीवन लगातार छोटा हो गया है. उनके इस छोटे जीवन का असल कारण उनके पूर्वजों की ओर से किए गए पाप हैं.
न्यूज एजेंसी आरआईए-नोवोस्ती के मुताबिक, यह कार्रवाई उसी बयान के बाद की गई है. हालांकि मंत्रालय ने कार्रवाई के बाद अपनी रिपोर्ट में अलेक्जेंडर कुद्रियावत्सेव को बर्खास्त करने का कोई कारण नहीं बताया है, लेकिन प्रभावशाली रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च ने इसे धार्मिक भेदभाव बताया है. इस कार्रवाई के बाद से काफी हंगामा मचा हुआ है और लगातार सरकार की आलोचना की जा रही है.
पिछले साल दिया था यह बयान
रूसी विज्ञान अकैडमी के वाविलोव इंस्टिट्यूट ऑफ जनरल जेनेटिक्स की अगुवाई करने वाले कुद्रियावत्सेव ने 2023 में एक सम्मेलन में एक प्रस्तुति दी थी. इसमें उन्होंने कहा था कि लोग बाइबिल के युग से पहले लगभग 900 वर्षों तक जीवित रहते थे, लेकिन धीरे-धीरे इन्हीं लोगों के पापों की के कारण आने वाली पीढ़ियों की उम्र छोटी होती चली गई.
रूसी चर्च ने कार्रवाई को बताया गलत
रूसी न्यूज वेबसाइट मेडुजा के अनुसार, उन्होंने यह भी दावा किया कि "सातवीं पीढ़ी तक के बच्चे अपने पिता के पापों के लिए जिम्मेदार हैं". वहीं इस कार्रवाई को लेकर न्यूज एजेंसी आरआईए-नोवोस्ती से बातचीत में रूसी चर्च के पारिवारिक मुद्दों के आयोग प्रमुख फ्योडोर लुक्यानोव ने कहा, "धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दिए गए बयानों के लिए कुद्रियात्सेव की बर्खास्तगी वैज्ञानिक समुदाय की नैतिकता का उल्लंघन है. हम पहले ही सोवियत काल से गुजर चुके हैं, जब जेनेटिक को लंबे समय तक छद्म विज्ञान माना जाता था."
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