मॉस्को: रूसी और पाकिस्तानी सैनिक 21 अक्टूबर से चार नवंबर तक पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में संयुक्त सैन्य अभ्यास करेंगे. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक रशियन साउदर्न मिल्रिटी डिस्ट्रिक्ट की प्रेस सर्विस के प्रमुख वादिम अस्ताफेव ने कहा कि 'फ्रेंडशिप 2018' अभ्यास पब्बी कस्बे के ट्रेनिंग रेंज में किया जाएगा. भारत के लिए पाकिस्तान और रूस की बढ़ती नज़दीकियां चिंता का विषय रही हैं. वहीं, ये और चिंताजनक है कि ये सैन्य अभ्यास तब होने जा रहा है जब भारत ने 5 बिलियन डॉलर की कीमत अदा करके रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदा है.
अमेरिका के करीब भारत, तो पाक के करीब रूस
आपको बता दें कि भारत की बदली विदेश नीति की वजह से रूस को पाकिस्तान की ओर बढ़ना पड़ा है. भारत ने अपने लुक ईस्ट पॉलिसी के तहत अमेरिका को रूस के ऊपर तरजीह देनी शुरू की. रूस एक समय भारत को की जाने वाली रक्षा आपूर्ति का इकलौता ठिकाना था. लेकिन अमेरिका ने तेज़ी से दुनिया के नंबर एक हथियारों के खरीददार भारत को अपना बड़ा ग्राहक बनाया है. हालांकि, भारत अभी भी रूस का सबसे बड़ा रक्षा खरीददार है और ये बात हाल ही में की गई एस- 400 की खरीद से साबित होती है.
लेकिन जैसे-जैसे भारत की नजदीकियां अमेरिका से बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे रूस भी इसे बैलेंस करने के लिए पाकिस्तान के करीब जा रहा है. हाल के सालों में ऐसा पहली बार हुआ है कि रूस अपने हथियार पाकिस्तान को बेचने के लिए राजी हुआ हो. इस लेकर भारत ने चिंताएं जाहिर की थीं. जबकि अमेरिका ऐतिहासिक रूप से पाकिस्तान को हथियार बेचने के अलावा कई और तरीकों से मदद करता आया है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि रूस और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियों से भारत कैसे निपटता है.
ताज़ा सैन्य अभ्यास पर जानकारी देते हुए अस्ताफेव ने कहा कि दो देशों के सशस्त्र बलों के जवान समुद्र तल से 1,400 मीटर की ऊंचाई पर अपना युद्ध कौशल दिखाएंगे. रूस और पाकिस्तान 2016 से 'फ्रेंडशिप' अभ्यास करते आ रहे हैं. 2017 में 200 से ज्यादा जवानों ने इस अभ्यास में हिस्सा लिया था, जो समुद्र तल से 2,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित उत्तरी काकेशस में हुआ था.
रूसी राजदूत ने भारत को दिया दिलासा
भारत में रूसी राजदूत निकोलई कुदाशेव ने बीते गुरुवार को कहा था कि पाकिस्तान के साथ रूस के संबंध भारत के लिए चिंता का विषय नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत के साथ रूस के संबंध ‘रणनीतिक और दीर्घकालिक’ है. कुदाशेव ने कहा कि पाकिस्तान के साथ उनके देश के संबंध का उद्देश्य पाकिस्तान में स्थिरता को सुनिश्चित करना, क्षेत्रीय स्थिरता में सहयोग करना और आतंकवाद से मुकाबला करना है.
यह पूछे जाने पर कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच हाल में हुई बैठक के दौरान बढ़ते रूसी-पाकिस्तान संबंधों को लेकर क्या भारत की तरफ से चिंता व्यक्त की गई तो कुदाशेव ने इसका जवाब ना में दिया. उन्होंने कुछ चुनिंदा पत्रकारों से कहा, ‘‘इस संबंध में चिंता की क्या बात है. संबंध बहुत ही स्पष्ट है. हमें एक स्थिर पाकिस्तान चाहिए...जहां तक मैं समझता हूं कि भारतीय पक्ष का भी यही विचार है.’’
पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास पर उन्होंने कहा , ‘‘भारत की तुलना में पाकिस्तान के साथ हमारा सैन्य और रणनीतिक सहयोग लगभग शून्य है.’’ रूस-पाकिस्तान संबंधों में पिछले कुछ सालों में नये घटनाक्रम पर उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्रीय मुख्यधारा में पाकिस्तान को लाये जाने के लिए कुछ नया होना चाहिए.’’
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान का शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में शामिल होना इस बात का सबूत है कि ये प्रयास सफल हो रहा है. मुझे नहीं लगता कि भारत के लिए कोई चिंता की बात है. भारत के साथ हमारे संबंध रणनीतिक और दीर्घकालिक है.’’ रूसी राजदूत ने कहा, ‘‘रूस में कोई भी समझदार व्यक्ति यह नहीं कहेगा कि हम पाकिस्तान के साथ संबंध भारत की कीमत पर बनाये. यह असंभव है.’’
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