मास्को: रूस के विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव ने कहा कि मास्को अमेरिका के 60 राजनयिकों को देश से बाहर करेगा और सेंट पीर्ट्सबर्ग में इसके वाणिज्य दूतावास को भी बंद करेगा. एक पूर्व डबल एजेंट सजेई स्क्रिपल को जहर देने को लेकर ब्रिटेन, अमेरिका और अन्य यूरोपिय देशों ने रूस के राजनयिकों को निष्कासित किया था. रूस ने इसी के जवाब में यह कदम उठाने की घोषणा की है.


लावरोव ने कहा कि अमेरिकी राजदूत को जवाबी कार्रवाई के बारे में सूचित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इसमें समान संख्या में राजनयिकों का निष्कासन और सेंट पीर्ट्सबर्ग में अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास को बंद कदने का हमारा निर्णय शामिल है. आपको बता दें कि अमेरिका ने पहले रिकॉर्ड संख्या में 60 रूसी राजनयिकों को निष्कासित करने का आदेश दिया था और सिएटल में रूसी महावाणिज्य दूतावास को बंद कर दिया था.


रूस से द्विपक्षीय संबंध और बिगड़ रहे हैं: अमेरिका


अमेरिका के राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस ने रूस के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए आज कहा कि उसके 60 राजनयिकों को निष्कासित करने और सेंट पीटर्सबर्ग में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश द्विपक्षीय संबंधों को बिगाड़ने वाले हैं. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा, ‘‘अमेरिकी राजनयिकों को निष्कासित करने की रूस की कार्रवाई इस बात का संकेत देती है कि अमेरिका-रूस संबंध और बदतर हो रहे हैं.’’


गौरतलब है कि रूस ने बदले की कार्रवाई करते हुए अमेरिका के 60 राजनयिकों को सात दिन के भीतर देश छोड़ने और 48 घंटों के भीतर सेंट पीटर्सबर्ग वाणिज्य दूतावास को बंद करने के लिए कहा है. सैंडर्स ने कहा, ‘‘अमेरिका और 24 से अधिक देशों के अलावा नाटो सहयोगियों द्वारा इस सप्ताह रूस के अघोषित खुफिया अधिकारियों को निकालना ब्रिटेन की सरजमीं पर रूस के हमला का उचित जवाब था.’’ सैंडर्स ने कहा कि रूस की प्रतिक्रिया ‘अप्रत्याशित नहीं’ है और अमेरिका इससे ‘निपट’ लेगा.


अमेरिका के विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कहा, ‘‘रूस की प्रतिक्रिया को तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता. हमारी कार्रवाई ब्रिटेन, ब्रिटिश नागरिक (पूर्व जासूस) और उनकी बेटी पर हमले की प्रतिक्रिया में थी. यह पहली बार है जब नर्व एजेंट नोविचोक का युद्ध की स्थिति के बगैर मित्र देशों की सरजमीं पर इस्तेमाल किया गया.’’


उन्होंने कहा कि अमेरिकी राजनयिकों को निष्काासित करने का रूस का फैसला यह दिखाता है कि रूस महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत करने का इच्छुक नहीं है. उन्होंने कहा कि रूसी जासूसों को निष्कासित करने के अमेरिका के फैसले में कई देश शामिल हैं. नोर्ट ने कहा, ‘‘हमने ये कदम बिना कारण के नहीं उठाए. हमने दुनियाभर में हमारे सहयोगियों के साथ मिलकर ये कदम उठाए हैं. अमेरिका के साथ 28 देशों ने 153 रूसी जासूसों को बाहर का रास्ता दिखा दिया.’’