Russia Ukraine conflict: रूसी आक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच यूक्रेन की संसद (Ukraine's parliament) ने पहली बार एक मसौदा कानून (ड्राफ्ट लॉ) को मंजूरी देने के लिए वोट किया है जो यूक्रेन (Ukraine) के नागरिकों को हथियार (firearms) रखने और आत्मरक्षा में इस्तेमाल करने की अनुमति देता है.
मसौदा कानून के लेखकों ने एक नोट में कहा, "इस कानून को अपनाना पूरी तरह से राज्य और समाज के हित में है, यूक्रेन के नागरिकों के लिए मौजूदा खतरों के कारण कानून की आवश्यकता थी."
नागरिकों को 1 साल तक सेना में अनिवार्य सेवा के लिए बुलाया
इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलदिमीर जेलेंस्की ने 18 से 60 साल की उम्र वाले reservists को कम से कम 1 साल की सेवा के लिए बुलाया. बता दें कई देश इमरजेंसी में देश के हर नागरिक के लिए सेना में भर्ती को अनिवार्य रखने का कानून रखते हैं. जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जाता है. Reservists एक तरह से इन्हीं को कहा जाता है. ये वैसे सैनिक होते हैं जो आर्मी में नियमित रूप से सेवा नहीं देते, लेकिन जरूरत पड़ने पर इन्हें बुलाया जा सकता है. यूक्रेन में इस कैटेगिरी को 18 से 60 साल की उम्र तक रखा गया है.
यूक्रेन में आपातकाल लागू
यूक्रेन की सुरक्षा परिषद ने रूसी आक्रमण के बढ़ते खतरे के जवाब में राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति घोषित करने की योजना को मंजूरी दे दी है. इससे पहले यूक्रेन के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने कहा था यूक्रेन डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्रों के अलावा सभी यूक्रेनी क्षेत्रों में आपातकाल की स्थिति लागू करेगा. यूक्रेन के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी का कहना है कि आपातकाल की स्थिति 30 दिनों तक चलेगी और इसे अगले 30 दिनों के लिए बढ़ाया जा सकता है.
इसलिए बढ़ गया है खतरा
गौरतलब है कि सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने पूर्वी यूक्रेन (Ukraine) में रूस समर्थित अलगाववादी दो क्षेत्रों- ‘डोनेट्स्क और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक’’ को एक “स्वतंत्र” देश के तौर पर मान्यता दे दी है. पुतिन ने सोमवार रात टेलीविज़न पर राष्ट्र को संबोधित किया था. पुतिन ने कहा कि रूसी सेनाएं पूर्वी यूरोप में दाखिल होंगी और वे अलगाववादी क्षेत्रों में शांति स्थापित करने की दिशा में काम करेंगी. राष्ट्रपति के शासनादेश के मुताबिक़ रूसी सेनाएं लुहान्स्क और दोनेत्स्क में शांति कायम करने का काम करेंगी. पुतिन के इस फैसले के बाद रूस-यूक्रेन तनाव चरम पर पहुंच गया है.
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