पिछले चार दिनों से यूक्रेन और रूस के बीच जंग चल रही है. दोनों देश एक दूसरे के आमने सामने हैं. हालांकि रविवार को दोनों देश एक बार फिर बातचीत के लिए सहमत हुए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस और यूक्रेन बेलारूस और यूक्रेन की सीमा पर युद्ध के बीच बातचीत के लिए सहमत हुए हैं. दोनों देशों के प्रतिनिधि बेलारूस और यूक्रेन के बॉर्डर पर इकट्ठा हो रहे हैं.  


बेलारूस क्यों है अहम


बेलारूस में ही मिन्स्क समझौता हुआ था, जिसके वादे पूरे ना होने के आरोप दोनों देश लगाते रहे हैं. 2014 में क्रीमिया विवाद के बाद यह समझौता हुआ था, जिसमें विवादित दोनबास इलाके के लुहान्स्क और दानयास्क इलाके के लोगों के हितों को संरक्षित करने और शांति बहाली के लिए उपायों पर बात हुई थी.


बेलारूस से भी रूसी सैनिक यूक्रेन में दाखिल हुए थे. खासतौर पर कीव के लिए बढ़े रूसी सैनिक दस्ते इसी रास्ते से आए हैं. बेलारूस भी यूक्रेन की तरह ही सोवियत संघ से अलग हुआ था. बेलारूस के राष्ट्रपति एलेग्जेंडर लुकाशेंको रूस समर्थक हैं और कई सालों से सत्ता पर काबिज हैं.


बेलारूस-यूक्रेन बॉर्डर पर होगी वार्ता


रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव के मुताबिक इस प्रतिनिधि मंडल में रक्षा, विदेश व अन्य विभागों के साथ-साथ राष्ट्रपति कार्यालय के भी प्रतिनिधि हैं. यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल पिपरियात नदी के पास यूक्रेनी-बेलारूसी सीमा पर रूसी प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात करेगा.


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