बूचा में नरसंहार के मुद्दे पर अमेरिका समेत कई अन्य देशों ने रूस को शुरू से घेरने की कोशिश की. इसके लिए ये सभी देश रूस को संयुक्त राष्ट्र महासभा के मानवाधिकार परिषद से बाहर करने का प्रस्ताव लेकर आए. इस पर गुरुवार रात वोटिंग हुई. इसमें रूस के खिलाफ कई वोट पड़े और उसे मानवाधिकार परिषद से बाहर करने को मंजूरी मिल गई. बेशक ज्यादा वोट रूस के खिलाफ पड़े और इस वजह से उसे मानवाधिकार परिषद से बाहर कर दिया गया, लेकिन इस बार मॉस्को के साथ खड़े होने वाले देशोें की संख्या भी बढ़ी. चीन ने पहली बार खुलकर रूस का साथ दिया और उसके पक्ष में वोट किया. कुल 24 देश रूस के साथ खड़े दिखे. 


इन देशों ने दिया रूस का साथ


वैसे तो इस प्रस्ताव के पक्ष में 93 देशों ने वोट दिया, लेकिन 24 देश ऐसे रहे जो रूस के साथ खड़े दिखे और इस प्रस्ताव के विरोध में वोट दिया. रूस के पक्ष में वोट देने वालों में अल्जीरिया, बेलारूस, बोलीविया, बुरुंडी, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, चीन, कॉन्गो, क्यूबा, इथियोपिया, एरीट्रिया, नॉर्थ कोरिया,  गैबन, इरान, कजाकिस्तान, कीर्गिस्तान, लाओस, माली, निकारागुआ, रूस, सीरिया, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, वियतनाम और जिम्बॉब्वे जैसे देश रहे. इस बार रूस के साथ खड़े होने वाले देशों की संख्या पिछली वोटिंग की तुलना में ज्यादा रही.


भारत समेत 58 देशों ने नहीं किया वोट


वोटिंग के दौरान भारत ने एक बार फिर अपना वही नजरिया जारी रखा और वोटिंग में शामिल नहीं हुआ. भारत समेत 58 देश ऐसे रहे जिन्होंने वोटिंग नहीं की. भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, ब्राजील, इंडोनेशिया, घाना, इराक, कुवैत, नेपाल, मलेशिया, मालदीव, सूरीनाम, सिंगापुर समेत कुल 58 देशों ने मतदान नहीं किया.


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