Russia- Ukraine War: एक साल से अधिक होने के बाद भी रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है. इसी बीच खबर आ रही है कि रूस ने एक बार फिर यूक्रेन पर ताबड़तोड़ मिसाइलें छोड़ी हैं. इससे यूक्रेन को भारी नुकसान हुआ है. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो रूस ने बुधवार (6 मार्च) की रात से ही यूक्रेन पर मिसाइलें बरसानी शुरू कर दी. जिससे यूक्रेन के नागरिक दहशत में आ गए. हमले की चपेट में आये 6 नागरिकों की मौत हो गई. माना जा रहा कि जब रूस ने यूक्रेन पर भयावह हमला शुरू किया उस वक्त लोग सो रहे थे. इसके बाद मिसाइलों की आवाज सुन लोगों की नींद उड़ गयी.
'आतंकित करने से फायदा नहीं होगा'
रूस के इस हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि कब्जा करने वाले केवल नागरिकों को आतंकित कर सकते हैं. वे इससे ज्यादा नहीं कर सकते, लेकिन इससे उनको कोई फायदा नहीं होगा. इसके साथ ही यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूस को चेतावनी देते हुए कहा है कि उन्होंने जो कुछ भी किया है,उसके लिए वे जिम्मेदारी लेने से नहीं बच पाएंगे.
आपातकालीन सेवाओं के मुताबिक, पश्चिमी लविवि क्षेत्र में एक मिसाइल हमले में कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई, साथ ही एक घर पूरी तरह नष्ट हो गया. ड्रोन फुटेज में देखा गया कि युद्ध के मैदान से लगभग 700 किमी (440 मील) की दूरी पर एक घर बुरी तरह से तहस-नहस हो गया है. इसके साथ ही मध्य निप्रो शहर में भी मिसाइल हमले के कारण एक युवक के मौत की खबर है.
गहरी नींद में सो रहे थे लोग
बताया जा रहा है कि कई महीने बाद इतना बड़ा हमला हुआ है. मिसाइलों की गूंज से राजधानी कीव में सो रहे लोगों की नींद खुल गयी. अनुमान लगाया जा रहा है कि बीते साल अक्टूबर के बाद इस तरह का मिसाइल हमला हुआ. हमले को लेकर 58 वर्षीय ल्यूडमिला ने बताया कि मैंने बहुत तेज धमाका सुना. हम जल्दी से बिस्तर से बाहर निकले. तभी देखा कि एक कार में आग लगी हुई है. दूसरी कारों में भी आग लग रही है. बालकनी और खिड़कियों पर लगे शीशे टूट गए थे.
हमले को लेकर रूस का कहना है कि उसका मकसद यूक्रेन के बुनियादी ढांचे को कमजोर कर उसकी लड़ने की क्षमता को कम करना है. वहीं कीव का कहना है कि हवाई हमलों का कोई सैन्य उद्देश्य नहीं है और इसका उद्देश्य नागरिकों को नुकसान पहुंचाना और डराना है, यह एक युद्ध अपराध है. यूक्रेन ने कहा कि मिसाइलों ने यूरोप के सबसे बड़े ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र को बिजली की आपूर्ति बंद कर दी थी, इसे यूक्रेनी ग्रिड से अलग कर दिया था. वहीं मॉस्को ने कहा कि डीजल बैकअप पावर पर संयंत्र को सुरक्षित रखा जा रहा था.
ये भी पढ़ें: Racial Discrimination: भारतीय मूल के प्रोफेसर ने भेदभाव के खिलाफ कॉलेज पर किया मुकदमा