62 फीसदी अमेरिकियों ने माना, अगर ट्रंप राष्ट्रपति होते तो पुतिन यूक्रेन पर हमला नहीं करते: पोल
Russia Ukraine War: सर्वे में 59 प्रतिशत अमेरिकियों का यह भी मानना है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन पर इसलिए भी हमला किया क्योंकि पुतिन ने राष्ट्रपति जो बिडेन को कमजोर पाया.
Russia Ukraine War: एक नए सर्वे के मुताबिक, ज्यादातर अमेरिकियों का मानना है कि अगर डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति होते तो रूस यूक्रेन पर आक्रमण नहीं करता. शुक्रवार को हार्वर्ड सेंटर फॉर अमेरिकन पॉलिटिकल स्टडीज (CAPS) हैरिस पोल ने सर्वेक्षण जारी किया. पोल के मुताबिक, 62 फीसदी लोगों का मानना है कि अगर डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति होते तो व्लादिमीर पुतिन कभी यूक्रेन पर हमला नहीं करते.
सर्वे में जब डेमोक्रेट और रिपब्लिकन के उत्तरों को देखा गया, तो उसमें से 85 प्रतिशत रिपब्लिकन और 38 प्रतिशत डेमोक्रेट ने इसका उत्तर दिया. हालांकि, इस पोल में हिस्सा लेने वाले अमेरिकियों में से 38 प्रतिशत का मानना था कि अगर ट्रम्प राष्ट्रपति होते भी तो पुतिन यूक्रेन पर हमला कर देते.
ट्रम्प-पुतिन के मधुर संबंध थे
वहीं, डोनाल्ड ट्रम्प के आलोचकों का मानना है कि पुतिन के साथ पूर्व राष्ट्रपति के संबंध बेहद मधुर थे. लोगों ने उदाहरण के तौर पर कहा, ट्रम्प ने सार्वजनिक रूप से रूस को जी -7 में शामिल होने का आह्वान किया था और बार-बार यूक्रेन की आलोचना की थी. इस बीच, अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन की स्वतंत्रता का डटकर बचाव किया है. बता दें कि सदन ने दो बार ट्रम्प पर महाभियोग चलाया था, पहली बार यूक्रेन को सैन्य सहायता प्रदान करने के उनके विरोध से संबंधित था.
पुतिन ने बिडेन को कमजोर पाया?
इसके साथ ही सर्वे में 59 प्रतिशत अमेरिकियों का यह भी मानना है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन पर इसलिए भी हमला किया क्योंकि पुतिन ने राष्ट्रपति जो बिडेन को कमजोर पाया. जबकि 41 प्रतिशत लोगों ने माना कि यह यूक्रेन पर हमला करने का कारक नहीं है. बुधवार देर रात रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के तुरंत बाद, राष्ट्रपति जो बिडेन ने इस अनुचित हमले के की निंदा की और यूक्रेन के साथ एकजुटता दिखाई.
वहीं, अमेरिका ने यूक्रेन के साथ एकजुटता दिखाते हुए रूसी वित्तीय संस्थानों, रूस के एलिट वर्ग और उनके परिवार के सदस्यों, नॉर्ड स्ट्रीम 2 जो नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन की मूल कंपनी है और अन्य संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए हैं.
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